वॉशिंगटन : ई-कामर्स कंपनी वॉलमार्ट यूएस सिक्योरिटी, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) अर्थात एक्सचेंज कमीशन के साथ अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को लगभग 1964 करोड़ रुपए का जुर्माना अदा करने पर राजी हो गई है। 1002 करोड़ रु. एसईसी और 960 करोड़ रु. का भुगतान डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को किया जाएगा, ताकि कंपनी को आपराधिक आरोपों से छुटकारा मिल सके। एसईसी ने वॉलमार्ट पर एफसीपीए (फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट) के उल्लंघन का आरोप लगाया था। जांच के दौरान कंपनी ने अपनी गलती मान ली थी।
एसईसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि रिटेल कंपनी ने भारत, चीन, ब्राजील और मैक्सिको में कारोबार के दौरान कानून की अवहेलना की। एसईसी के मुताबिक- वॉलमार्ट की थर्ड पार्टी इन्टर्मीडीएरीज ( मध्यवर्ती संस्थाओं) ने एफसीपीए का उल्लंघन किया। एफसीपीए की अनदेखी के लिए इन्टर्मीडीएरीज ने दूसरे देशों के सरकारी अफसरों को पैसे दिए थे। कमीशन का यह भी कहना है कि एक दशक से ज्यादा समय तक वॉलमार्ट ने एंटी करप्शन कंप्लायंस प्रोग्राम शुरू ही नहीं किया। जबकि इस दौरान कंपनी ने बहुत तेजी के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने पैर जमाए।
एसईसी की इनफोर्समेंट डिवीजन एफसीपीए यूनिट के प्रमुख चार्ल्स कैन का कहना है कि कंपनी अपनी इंटर्नल अकाउंटिंग को नियंत्रित करके बहुत सारी परेशानियों से बच सकती थी, लेकिन वह लगातार इसकी अनदेखी करती रही। आयोग के आदेश के मुताबिक इन देशों में काम करते हुए वॉलमार्ट भ्रष्टाचार संबंधी जोखिमों पर्याप्त रूप से जांच करने और इन जोखिमों को कम करने में नाकाम रही है। कंपनी ने भारत, चीन, ब्राजील और मैक्सिको में अपनी अनुषंगी कंपनियों को सेवा के लिए बाहरी बिचौलियों को नियुक्त करने की छूट दी।
उन बिचौलियों ने अमेरिका के भ्रष्टाचार रोधी कानून के अनुपालन के संबंध में ठोस आश्वासन के बिना विदेशी सरकारी अधिकारियों को धन का भुगतान किया। वॉलमार्ट के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डग मैकमिलन ने बयान में कहा कि हमें इस मामले के समाधान से खुशी है। उन्होंने कहा, वॉलमार्ट सही तरीके से कारोबार करने के लिए प्रतिबद्ध है।