क्या होता है अंतरिम बजट, आम बजट से कैसे है अलग?

क्या होता है अंतरिम बजट, आम बजट से कैसे है अलग?
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Budget 2024: भारत में बजट एक महत्वपूर्ण आर्थिक प्रक्रिया है जो सालभर के आर्थिक कार्यक्रमों और योजनाओं को प्रस्तुत करने का साधन है। इसमें हर साल के आर्थिक वर्ष के लिए विभिन्न क्षेत्रों में धन का आवंटन होता है और सरकारी योजनाओं की दिशा तय होती है। हर पाँच साल में एक बड़ा बजट पेश किया जाता है, लेकिन चुनाव साल में इस प्रक्रिया में एक विशेषता होती है जिसे हम इंटरिम बजट कहते हैं।  भारत में बजट पेश करने की परंपरा साल में दो बार होती है। फरवरी के पहले पूर्ण कार्यदिवस को वित्त मंत्री द्वारा संसद में अंतरिम बजट पेश किया जाता है। वहीं, आम बजट हर साल जुलाई के अंतिम कार्यदिवस को पेश किया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अंतrim बजट और आम बजट में क्या अंतर होता है? आइए, आज हम इसी के बारे में विस्तार से बात करते हैं। इंटरिम बजट एक ऐसा बजट है जो चुनाव साल में पेश किया जाता है जब नई सरकार चुनने का समय आता है। यह बजट वित्तीय वर्ष की शुरुआत में नई सरकार के गठन तक चलता है और आम बजट के लिए एक प्रकार की तैयारी का हिस्सा होता है। इसमें सामान्यत: वित्त मंत्री द्वारा सरकार के चलने के लिए नए वित्तीय वर्ष में आवश्यक धन का मापदंड प्रस्तुत किया जाता है।

अंतरिम बजट क्या है?

अंतरिम बजट को Vote on Account भी कहा जाता है। (Budget 2024) यह आगामी वित्तीय वर्ष के पहले कुछ महीनों के लिए सरकार के खर्चों को पूरा करने के लिए संसद से अनुमति लेने की एक प्रक्रिया है। आम तौर पर, अंतरिम बजट में कोई नई योजनाओं या कर दरों में बदलाव की घोषणा नहीं की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकार को तब तक के लिए फंड मुहैया कराना है, जब तक कि नई सरकार द्वारा जुलाई में पूरा बजट पेश नहीं किया जाता। यह बजट अधिकांश चुनाव से संबंधित होता है और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर बनाया जाता है। इसमें नई योजनाओं और विभागों के लिए निविदाएं और निर्देशांक भी शामिल हो सकते हैं।

कब पेश किया जाता है अंतरिम बजट?

भारत में आम चुनाव आमतौर पर अप्रैल-मई महीनों में होते हैं। ऐसे में, (Budget 2024) जब चुनाव से पहले नई सरकार बनने वाली होती है, तो उस समय अंतरिम बजट पेश किया जाता है। इसका कारण यह है कि संविधान के अनुसार, सरकार बिना संसद की अनुमति के खर्च नहीं कर सकती है। चुनाव के बाद बनी नई सरकार को जुलाई में अपना पहला पूर्ण बजट पेश करने में कुछ समय लगता है। इसलिए, इस बीच सरकार के खर्चों को पूरा करने के लिए अंतरिम बजट लाया जाता है।

अंतरिम बजट में क्या होता है?

(Budget 2024) जैसा कि हमने बताया, अंतरिम बजट में आमतौर पर कोई नई योजनाओं या नीतियों की घोषणा नहीं की जाती है। इसमें मुख्य रूप से सरकार के पिछले साल के खर्चों का ब्योरा और आगामी कुछ महीनों के लिए अनुमानित खर्चों का विवरण होता है। इसके अलावा, इसमें यह भी बताया जाता है कि सरकार विभिन्न मदों, जैसे कि वेतन, पेंशन, सब्सिडी आदि पर कितना खर्च करेगी। इंटरिम बजट तैयारी का प्रक्रियाक्रम अनुसार, यह बजट सामान्य चुनावी साल के पहले तीन-चार महीनों में प्रस्तुत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य नई सरकार को गठन के बाद तुरंत काम करने के लिए सामान्य धन प्रदान करना है ताकि राष्ट्र की सार्वजनिक सेवाओं और परियोजनाओं में कोई विघटन ना हो।

अंतरिम बजट में आम तौर पर ये चीजें शामिल होती हैं:

  • सरकार के अनुमानित खर्च का ब्योरा
  • राजस्व प्राप्तियों का अनुमान
  • विभिन्न मंत्रालयों को आवंटित की जाने वाली धनराशि
  • मौजूदा योजनाओं को जारी रखने के लिए वित्तीय प्रावधान
  • कोई नई योजना या नीतिगत घोषणाएं नहीं होतीं

अंतरिम बजट और आम बजट में क्या अंतर है?

अंतरिम बजट और आम बजट में कई अंतर हैं। इनमें से कुछ प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं:

समय अवधि: अंतरिम बजट केवल वित्तीय वर्ष के पहले कुछ महीनों के लिए होता है, जबकि आम बजट पूरे वित्तीय वर्ष के लिए होता है।
घोषणाएं: अंतरिम बजट में आमतौर पर कोई नई योजनाओं या नीतियों की घोषणा नहीं की जाती है, जबकि आम बजट में नई योजनाओं, कर दरों में बदलाव और अन्य नीतियों की घोषणा की जाती है।
विवरण: अंतरिम बजट में सरकार के पिछले साल के खर्चों का ब्योरा और आगामी कुछ महीनों के लिए अनुमानित खर्चों का विवरण होता है

चर्चा: अंतरिम बजट पर संसद में बहुत कम चर्चा होती है। आम बजट पर संसद में विस्तृत चर्चा होती है।

आने वाला अंतरिम बजट

भारत में अगला लोकसभा चुनाव 2024 में होने वाला है। इसलिए, 1 फरवरी, 2024 को सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी।(Budget 2024) केंद्र सरकार ने एक फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करने का ऐलान किया है, जो इस साल के आम बजट से अलग होगा क्योंकि देश में आम चुनाव होने वाले हैं। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की योजना है। यह एक अस्थायी बजट होगा, जो नई सरकार के गठन तक रहेगा, और उसका मुख्य उद्देश्य बाजार में इन्वेस्टर्स का आत्मविश्वास बनाए रखना है। पूर्ण बजट चुनाव के बाद पेश किया जाएगा।  इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण छठा बजट पेश करने वाली हैं, जिससे वह इतिहास रचेंगी। उन्होंने हलवा सेरेमनी का आयोजन किया है ताकि इस मौके पर एक विशेष और स्मृतियों भरे दृष्टिकोण के साथ बजट पेश किया जा सके।

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