थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर फरवरी में घटकर 2.26 प्रतिशत रह गई। यह जनवरी में 3.10 प्रतिशत थी। आधिकारिक आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी सामने आई है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी सालाना थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 2019 फरवरी के मुकाबले इस वर्ष फरवरी में थोक महंगाई दर में कमी आई है। पिछले साल 2019 में फरवरी में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति 2.93 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
फरवरी माह के लिए ‘भारत में थोक मूल्य सूचकांक सूची’ के अपने रिव्यू में मंत्रालय ने कहा कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 2.75 प्रतिशत की निर्मित दर की तुलना में वित्तीय वर्ष में अब तक मुद्रास्फीति की दर का निर्माण 1.92 प्रतिशत रहा।
खाद्य वस्तुओं, खासतौर से प्याज और अन्य सब्जियों के दाम घटने के कारण बीते महीने थोक महंगाई दर में कमी आई है। खाद्य वस्तुओं के समूह का सूचकांक पिछले महीने के 160.8 से 3.7 फीसदी घटकर फरीवरी में 154.9 पर आ गया। फलों, सब्जियों, चाय, अंडे और मक्का समेत अन्य अनाजों के दाम में नरमी रहने के कारण खाद्य वस्तुओं के समूह के सूचकांक गिरावट दर्ज की गई।
इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नैयर ने कहा कि फरवरी 2020 में थोक मुद्रास्फीति में ठीक-ठाक गिरावट देखने को मिली है, और यह हमारे अनुमान के अनुकूल है। यह गिरावट मुख्यत: खाद्य सामग्रियों के दाम कम होने तथा कच्चा तेल व खनिजों के दाम में भी कुछ नरमी आने के कारण है। कच्चा तेल और खनिजों के दाम में आयी गिरावट का असर आने वाले महीने में अधिक होने वाला है।