Byju’s: Byju’s और BCCI के बीच एक समझौते के तहत कंपनी हर मैच के लिए क्रिकेट बोर्ड को 4.6 करोड़ रुपये देती थी। लेकिन बायजू की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद ऐसा न कर पाने के कारण उस पर 158 करोड़ रुपये की देनदारी बन गई थी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ चल रहे दिवालियापन के मामले को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। BCCI ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) बेंगलुरु में इसे लेकर याचिका दायर की है। साथ ही इस पर जल्द सुनवाई की मांग की है।
31 जुलाई को BCCI और बायजूस के बीच समझौता हुआ था, जिसे बाद में NCLAT ने स्वीकार कर लिया था। यह समझौता 2019 में दोनों के बीच हुए उस स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा था जिसमें बायजूस भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए BCCI को हर बायलेटरल मैच के लिए 4.6 करोड़ रुपये का भुगतान करती थी।
इससे पहले 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के उस फैसले पर रोक लगाई थी, जिसमें बायजूस को BCCI के साथ समझौते का भुगतान करने की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि भुगतान की राशि को एक अलग खाते में रखा जाए। अमेरिका स्थित ग्लास ट्रस्ट ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। ग्लास ट्रस्ट बायजूस के कुछ लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करता है।
2 अगस्त को NCLAT ने बायजूस की पेरेंट कंपनी, थिंक एंड लर्न, और BCCI के बीच हुए समझौते को मंजूरी दे दी थी। इसके अनुसार, बायजूस BCCI को 158 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए सहमत हो गया था, जो 2 और 9 अगस्त को होना था। इस फैसले के बाद कंपनी का नियंत्रण बायजू रवींद्रन को वापस मिल गया था।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।