दावोस : अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि भारत को सुधारों विशेष रूप से वित्तीय सेवा क्षेत्र के सुधारों को जारी रखना चाहिए। इसके साथ ही लेगार्ड ने सलाह दी कि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था में तत्काल आधार पर व्यापक रूप से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना शिखर बैठक में सभी महिला सह- अध्यक्षों की ओर से संबोधित करते हुए लेगार्ड ने कहा कि आईएमएफ के शोध में यह तथ्य सामने आया है कि श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर करने से भारतीय अर्थव्यवस्था 27 प्रतिशत बढ़ सकती है। लेगार्ड ने ग्रामीण भारत में महिलाओं के साथ किए जाने वाले ऊंचे भेदभाव पर भी चिंता जताते हुए इस मुद्दे को जल्द हल करने की जरूरत बताई।
लेगार्ड ने भारत के लिए 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर के आईएमएफ के अनुमान को दोहराते हुए कहा कि निश्चित रूप से यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में है। उन्होंने कहा कि भारत की भविष्य की वृद्धि इस बात पर निर्भर करती है कि कैसे वह सुधारों की प्रक्रिया को आगे लेकर जाता है। लेगार्ड ने कहा कि मैं निश्चित रूप से उम्मीद करती हूं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं को शामिल करने पर ध्यान दिया जाए। हमने शोध किया है।
इससे निष्कर्ष निकलता है कि यदि श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर हो, तो भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 27 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में अनुमान लगाया है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर भारत से कम यानी 6.8 प्रतिशत रहेगी।
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