नौकरी पेशा वाले लोगों की सैलरी हर महीने की 10 तारीख तक आ जाती है, ऐसे में आपकी अप्रैल की सैलरी खाते में आ चुकी होगी या फिर अगले कुछ दिनों में आने वाली होगी। तो रुकिए जरा, अगर आपकी सैलरी कट कर आई है, तो ये खबर आपके लिए ही है। आइए जानते है कि आखिर आपकी सैलरी क्यों कट कर आई है।
सैलरी कटनी की ये है वजह
ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कई कर्मचारी अपना टैक्स प्रूफ सबमिशन समय से नहीं करते हैं और इसका खामियाजा टैक्स कटने के रूप में भुगतना पड़ता है। यहां हम आपको बताएंगे कि ऐसा होने से बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कटा हुआ पैसा कैसे वापस आएगा।
टैक्स प्लानिंग करना बेहद जरूरी
कई बार ऐसा होता है कि आपका सारा साल अच्छे से टैक्स नहीं कटता और वित्त वर्ष के आखिरी दो या तीन महीने में सारा टैक्स एक साथ कट जाता है, जिसकी वजह से सारी सैलरी का बहुत कम हिस्सा आपके पास आता है। अगर आप भी इस समस्या को झेल चुके हैं तो आपको समझ आ गया होगा कि टैक्स प्लानिंग करना कितना जरूरी है और इसके जरिए आप कैसे अपनी गाढ़ी कमाई का हिस्सा अपने लिए सुरक्षित रख सकते हैं।
इस तरह से बनाएं टैक्स की योजना
सबसे पहले जरूरी है कि आप नए वित्तीय साल की शुरुआत में ही अपने नियोक्ता या कर्मचारी को इस बात की जानकारी दे दें कि आप साल भर में कितना निवेश करने वाले हैं और कितने पैसे अलग-अलग मदों में निवेश की सीमा के तहत लगाएंगे। इसके अलावा ये भी बहुत जरूरी है कि आप साल खत्म होने से पहले या जब आपका नियोक्ता इंवेस्टमेंट प्रूफ मांगे तो उसे सही तरीके से मुहैया कराएं।
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सैलरी पाने वाले करते हैं ये गलती
नौकरी पेशा लोग अक्सर ये बड़ी गलती करते हैं कि वो समय से अपने इवेंस्टमेंट डिक्ल्येरेशन और इंवेस्टमेंट प्रूफ नियोक्ता को नहीं देते हैं, लिहाजा उसका डेटा समय से अपडेट नहीं हो पाता है और सैलरी से बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में कट जाता है।
इस तरह से वापिस आएगा कटा हुआ पैसा, जानें
आपके लिए इसका सबसे बड़ा उपाय यही है कि इनकम टैक्स रिटर्न विंडो खुलने पर समय से आयकर रिटर्न भर दें और अपने सारे इंवेस्टमेंट और एफडी, आरडी, खातों आदि के बारे में सही से जानकारी दे दें तो समय से आपका जितना एक्स्ट्रा टैक्स कटा है वो वापस आ जाएगा।