नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्रालय ने हवाई यात्राओं के लिए अधिकतम किराया तय करने से एक बार फिर यह कहते हुये इनकार कर दिया है कि इससे अधिकतर यात्रियों को फायदे की बजाय नुकसान होगा। परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी संसद की स्थायी समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी 256वीं रिपोर्ट में कहा है कि त्योहारों, छुट्टियों तथा प्राकृतिक आपदाओं या राजनीतिक तनावों के दौरान हवाई टिकट के दाम आम दिनों की तुलना में 10 गुणा तक बढ़ जाते हैं। उसने इसकी ‘अनदेखी’ करने के लिए मंत्रालय को भी फटकार लगाई है तथा कहा है कि ‘नियंत्रण मुक्त वातावरण का मतलब शोषण करने की आजादी नहीं होती।’ उसने मंत्रालय से हर सेक्टर के लिए अधिकतम किराया तय करने की सिफारिश की है।
उसने यह भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल और फलस्वरूप विमान ईंधन की कीमतों में आई गिरावट का लाभ भी विमान सेवा कंपनियों ने यात्रियों को नहीं दिया है। इसके प्रतिक्रिया के रूप में मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि किराये को नियंत्रण मुक्त करने से प्रतिस्पर्द्धा बढ़ी है जिससे देश में हवाई टिकट बेहद सस्ते हो गये हैं। उसने दावा किया है कि मौजूदा समय में भारत सबसे सस्ते हवाई किराये वाले देशों में है।
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