नई दिल्ली : खपत और निजी निवेश में बढोतरी की संभावना तथा कारोबारी माहौल में सुधार के दम पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कारोबारी भरोसा सूचकांक बढ़कर 64.9 हो गया जबकि इससे पिछली तिमाही में यह 60.1 रहा था। गत वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से सूचकांक में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हालांकि जुलाई-सितंबर तिमाही में सबसे तेजी से सूचकांक बढ़ा है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा जारी सूचकांक के मुताबिक करीब 64 फीसदी कारोबारियों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 6.5 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहेगी और 65 फीसदी को चालू वित्त वर्ष में निजी निवेश में वृद्धि की उम्मीद दिख रही है।
सीआईआई ने देश भर की कई बड़ी, मंझोली, लघु और सूक्ष्म कंपनियों से पूछे गये सवालों के जवाब के आधार पर तिमाही बिजनेस आउटलुक सर्वेक्षण का 104वां संस्करण जारी किया है। यह सूचकांक इसी सर्वेक्षण का हिस्सा है। सर्वेक्षण में शामिल 42 फीसदी कारोबारियों के मुताबिक रिजर्व बैंक अक्टूबर में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का निर्णय ले सकता है। अगले माह तीन से पांच अक्टूबर के बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की चौथी द्विमासिक समीक्षा बैठक है।
विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर के पार
कारोबारियों में वस्तु एवं सेवा कर को लेकर उत्साह है। सर्वेक्षण में शामिल करीब 76 प्रतिशत कारोबारी अब कर भुगतान आसान मान रहे हैं जबकि 81 फीसदी का मानना है कि इस नयी कर प्रणाली से पारदर्शिता आयी है। करीब 60 फीसदी प्रतिभागियों ने 2018-19 के दौरान महंगाई दर चार से पांच फीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया है। सर्वेक्षण के 64 प्रतिशत कारोबारियों ने जुलाई-सितंबर तिमाही में बिक्री में सुधार और 61 प्रतिशत ने नयी मांग बढ़ने की संभावना व्यक्त की है।