नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को कहा कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) की प्रासंगिकता को बनाये रखने के लिये उसके एजेंडे में पुराने और नये दोनों मुद्दे शामिल किये जाने चाहिये। प्रभु ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के सामने कई चुनौतियां हैं और इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
विधि फर्म लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन तथा उद्योग चैंबर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें इस बात पर सहमत होना चाहिये कि डब्ल्यूटीओ के बिना हमें व्यापार में दिक्कत होगी क्योंकि हमें वैश्विक व्यापार की जरुरत है, इसलिये हमें यह सुनिश्चित करने की जरुरत है कि डब्ल्यूटीओ बरकरार रहे।
WTO में बेहतरी के लिये बदलाव होना चाहिये। प्रभु ने कहा कि सभी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के आधार पर एजेंडा तैयार किया जा रहा है। यह सभी सदस्य देशों को मूंजर होगा और सभी महत्वपूर्ण मुद्दे इसमें शामिल किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हम उन मुद्दों को नहीं भूल सकते हैं जिन्हें सभी सदस्य देशों की सहमति से चर्चा के लिये टेबल पर रखा गया, इसलिये हमें इन मुद्दों का ध्यान रखना होगा।
इस समय हम नये मुद्दों को शामिल करना भी नहीं भूल सकते हैं। इसलिये हमें एक व्यवस्थित एजेंडा पेश करना होगा, जिसमें सभी महत्वपूर्ण मुद्दों का समावेश हो। भारत समेत विकासशील देश कृषि सब्सिडी से जुड़े मुद्दों का हल चाहते हैं जबकि अमेरिका जैसे विकसित देश ई-कॉमर्स एवं निवेश से जुड़े नये मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं।