नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गेल के गैस परिवहन और विपणन कारोबार के अलग करने की बात से सोमवार को इंकार किया। हालांकि उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी को अपने गैर-प्रमुख्र पेट्रो रसायन कारोबार को अच्छे मूल्य पर बेचना चाहिए। एक ही इकाई के दोनों कारोबार से जुड़े होने से हितों के टकराव के मसले के समाधान के लिये गेल खातों को अलग करेगी और बाहरी इकाइयों के लिये अपने व्यापक पाइपलाइन नेटवर्क तक पहुंच उपलब्ध कराएगी।
प्रधान ने कहा कि गेल के निदेशक मंडल ने मुद्दे पर विचार किया और कहा है कि वह दोनों कारोबार गैस परिवहन तथा विपणन का स्वतंत्र तथा स्वायत्त तरीके से परिचालन करेगी। कंपनी की आनलाइन पोर्टल की शुरूआत के मौके पर उन्होंने यह बात कही। इस पोर्टल के जरिये प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिये गेल के पाइपलाइन नेटवर्क के उपयोग को लेकर विपणन इकाइयां तथा ग्राहक बुकिंग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गेल का विभाजन सरकार के एजेंडे में नहीं है।
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उनका मंत्रालय कंपनी के परिचालन में दक्षता चाहती है। प्रधान ने कहा कि गेल का गठन पाइपलाइन के निर्माण के मकसद से किया गया था और तीन दशक में वह गैस की बड़ी विपणनकर्ता बन गयी है। प्राकृतिक गैस ग्राहकों तक पहुंचाने के लिये पाइपलाइन जरूरी है। फिलहाल पाइपलाइन का संकेन्द्रण देश के केवल पश्चिमी और उत्तरी हिस्से में है। गेल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बी सी त्रिपाठी ने कहा कि गेल ने 2004 में पाइपलाइन नेटवर्क को खोला था।