नई दिल्ली : उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि रुपये में और गिरावट नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय को मिलकर काम करना चाहिए। एसोचैम ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और रुपये के मूल्य में और गिरावट से देश को ‘आयात से उपजी मुद्रास्फीति’ का सामना करना पड़ सकता है। एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, ‘हमें मालूम है कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय को वृहद आर्थिक स्थिरता बनाये रखने के लिए उथल-पुथल के हर मौके पर साथ काम करना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक अभी विदेशी मुद्रा विनिमय दरों को बाजार के ऊपर छोड़ा हुआ है। उसे ईरान परमाणु समझौते पर अमेरिकी रुख, ओपेक देशों द्वारा कच्चा तेल के उत्पादन में पर्याप्त से कम वृद्धि और उभरते वित्तीय बाजारों पर दबाव जैसे भू-राजनीतिक कारकों द्वारा होने वाली अनिश्चितता और उथल-पुथल के समय जरूर हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को सहज स्थिति देने के लिए सेबी, रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय को द्वितीयक ऋण व शेयर बाजारों में निवेश के नियमों का सरलीकरण करना चाहिए।