नई दिल्ली : केन्द्र की मौजूदा राजग सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिये शहरी आवास के निर्माण की मंजूरी के मामले में संप्रग सरकार के दस साल के कार्यकाल की तुलना में 240 प्रतिशत इजाफे का दावा किया है। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से पिछले चार साल में 45.86 लाख शहरी आवास के निर्माण को मंजूरी देने का दावा किया है। जबकि संप्रग सरकार के दस साल के कार्यकाल में 13.45 लाख शहरी आवास के निर्माण को मंजूरी दी गयी थी। मौजूदा सरकार ने इसे पिछली सरकार की तुलना में 240 प्रतिशत बढ़ोतरी बताया है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने आंकड़ों के आधार पर बताया कि साल 2014 में राजग सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 45.86 लाख आवास के निर्माण को अब तक मंजूरी देने के साथ 25264 करोड़ रुपये जारी किये जा चुकेहैं। जबकि संप्रग सरकार ने जेएनएनयूआरएम तथा राजीव आवास योजना के तहत दस साल में 13.45 लाख आवास के निर्माण को मंजूरी देते हुये इसके लिये 20303 करोड़ रूपये जारी किये थे। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत साल 2022 तक 1.2 करोड़ आवास का निर्माण करने का सरकार का लक्ष्य है।
मंजूर आवासों के निर्माण के सवाल पर अधिकारी ने बताया कि संप्रग सरकार में 8.04 लाख आवास का निर्माण हुआ था। जबकि राजग सरकार के कार्यकाल में जेएनएनयूआरएम और राजीव आवास योजना में शेष बचे आवास के अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 7.25 लाख आवास का निर्माण किया जा चुका है। मंत्रालय ने कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा सभी के लिये आवास योजना के कार्यान्वयन पर सवाल उठाने के बाद इन आंकड़ों के आधार पर यह तस्वीर पेश की है।
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