वाशिंगटन : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि को देखते हुए भारत-प्रशांत क्षेत्र के विकास में उसकी भूमिका लगातार बढ़ेगी। हालांकि उसके लिए निर्यात बढ़ाने पर अधिक ध्यान दे ते हुए व्यापार बाधाओं को कम करने की गुंजाइश बनी हुई है। आईएमएफ के एशिया प्रशांत विभाग में उप निदेशक केन कांग ने बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कहा कि व्यापार के क्षेत्र में भारत में सुधार की दिशा में काफी कुछ और किए जाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए निर्यात पर जोर देने के साथ व्यापार बाधाओं में और कमी किए जाने की काफी गुंजाइश है।
भारत में सांविधिक शुल्क दर अपेक्षाकृत ऊंचा लगभग 15% है। यह क्षेत्र के बाकी देशों की तुलना में भी अधिक है। इसलिए व्यापार सुधारों के मोर्चे पर काफी और किए जाने की गुंजाइश है। केन ने कहा कि मेरी राय में हमारे मजबूत वृद्धि पूर्वानुमान को देखते हुए क्षेत्र में भारत की भूमिका बढ़ती रहेगी। आईएमएफ ने 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4% रहने का अनुमान लगाया है। वहीं व्यापार व विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) ने कहा है हाल ही के संरक्षणवादी कदमों कोविकसित अर्थव्यवस्थाओं में बेहतर रोजगार सृजित करने व समावेशी सुधार हासिल करने के लिए नीतिगत मोर्चे पर विफलता के रूप में देखा जाना चाहिए।
अंकटाड के महासचिव मुखीशा कितुई ने कहा कि इस तरह के कदमों से ये लक्ष्य हासिल नहीं किए जा सकते। उन्होंने इस बात परचिंता जताई कि ऐसे समय जबकि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए और देशों के बीच अधिक नीतिगत समन्वय की जरूरत है, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश विपरीत दिशा में जा रहे हैं।
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