नई दिल्ली : इस साल मानसून के बेहतर रहने लेकिन उसका असमान वितरण से खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ सकते है और इससे महंगाई दर और बढ़ सकती है। बाजार विश्लेषक कंपनी डन एंड ब्राडस्ट्रीट के अनुसार देश में ईंधन की कीमत में वृद्धि हो रही है और यह अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गयी है। यह एक और कारण है जिससे मुद्रास्फीति की दर ऊंची रह सकती है। संस्थान को उम्मीद है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 4.6 से 4.7 प्रतिशत के बीच रहेगी।
वहीं थोक महंगाई दर इस महीने 3.6 से 3.8 प्रतिशत रह सकती है। डन एंड ब्राडस्ट्रीट के प्रमुख अर्थशास्त्री अरूण सिंह ने कहा कि इस साल मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की गयी है। इससे चालू वर्ष में मांग में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हालांकि वर्षा के वितरण पर ध्यान देने की जरूरत है।
क्योंकि बारिश के असमान वितरण से खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक व्यापार में बढ़ता तनाव, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव तथा रुपये की विनिमय दर में गिरावट से मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। डन एंड ब्राडस्ट्रीट का अनुमान है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक इस साल अप्रैल में 6.5 से 7.5 प्रतिशत रह सकता है।
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