नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए आंकड़ों को भारत में स्थित सर्वर में ही संग्रहीत (स्टोर) करने संबंधी आरबीआई के नियमों पर केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो के साथ चर्चा की। रिजर्व बैंक ने अप्रैल में वैश्विक भुगतान कंपनियों को भारतीय ग्राहकों के लेनदेन के आंकड़ों को भारत में संग्रहीत करने के लिए छह महीने का समय दिया था। आरबीआई का यह नियम 15 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार और सूचना-प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने भी हिस्सा लिया। अधिकारियों ने हालांकि बैठक में हुए विचार-विमर्श का विवरण साझा नहीं किया। वैश्विक वित्तीय कंपनियों ने कथित तौर पर 15 अक्टूबर की मियाद को बढ़ाने का आग्रह किया है। भारतीय रिजर्व बैंक को इस बाबत आखिरी निर्णय करना है।