नई दिल्ली : घाटे से गुजर रही देश की प्रमुख एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज ने 25 सितंबर से इकोनॉमी क्लास के यात्रियों को मुफ्त भोजन देना बंद करने का फैसला लिया है। जेट एयरवेज ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस फैसले के लागू होने के बाद टिकट के दाम काफी सस्ते हो जाएंगे, क्योंकि यात्रियों से नाश्ता व खाने के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। फिलहाल डोमेस्टिक सेक्टर के ‘इकोनॉमी लाइट’ और ‘इकोनॉमी डील’ कैटेगरी में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। एयरलाइन का दावा है कि इसके बाद उसके टिकट सस्ते हो जाएंगे। बता दें कि दो साल पहले एयरलाइन ने ‘फेयर चॉयस’ सर्विस शुरू की थी, जिसके जरिए कस्टमर्स अपनी यात्रा की ज़रूरतों के मुताबिक फेयर स्कीम चुन सकते हैं।
इस वजह से खराब हुई हालत
कंपनी के प्रबंधन ने कर्मचारियों से कहा कि हवाई ईंधन के दामों में बढ़ोतरी और इंडिगो द्वारा ज्यादा मार्केट शेयर हासिल करने से उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। 2016 और 2017 में जहां कंपनी ने लाभ अर्जित किया था, वहीं 2018 के वित्त वर्ष में उसे 767 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घाटा बढ़कर के एक हजार करोड़ रुपये के पार जा सकता है। कंपनी ने अपने काफी इंजीनियर्स को निकालने का फरमान जारी कर दिया है। इसके बाद केबिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ में भी कर्मचारियों की संख्या में कटौती की जाएगी।