लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

भारत में दुनिया का ‘खाने का कारखाना’ बनने की क्षमता

रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारा देश में खाद्य अधिशेष है लेकिन हमें ‘खेत से दस्तरखान’ की श्रृंखला में छूटी कड़ियों को जोड़ने की जरूरत है।

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारा देश में खाद्य अधिशेष है लेकिन हमें ‘खेत से दस्तरखान’ की श्रृंखला में छूटी कड़ियों को जोड़ने की जरूरत है। साथ ही हमें अपनी खाने की बर्बादी को भी घटाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया का ‘खाने का कारखाना’ बनने की क्षमता है। सरकार ने इस क्षेत्र की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं।

अखिल भारतीय खाद्य प्रसंस्कर्ता संगठन (एआईएफपीए) के ‘प्लैटिनम जुबली’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामनाथ कोविंद ने इस बात पर जोर दिया कि किसान को अपनी उपज के लिए जो दाम मिलता है और ग्राहक जो मूल्य चुकाते हैं, उसमें ‘बहुत अंतर’ है और हमें इस अंतर को पाटने की जरूरत है।

साथ ही उन्होंने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में खाने की बर्बादी को कम करने की भी जरूरत बतायी। कोविंद ने कहा ​कि भारत में आज खाने की कमी नहीं है। जब बात कई कृषि जिंसों या खाद्य प्रसंस्करण की आती है तो हमारे पास अधिशेष है। हम वैश्विक बाजार की बढ़ती मांग का नेतृत्व करते हैं।

शिक्षा से ही देश का विकास होगा : कोविंद

अब समय आ गया है कि हम अपने लक्ष्यों को अधिक आर्थिक लाभ के लिए बढ़ाएं और किसानों के लिए हमें यह करना चाहिए। उन्होंने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए चार अहम दृष्टिकोणों पर चलने का सुझाव दिया। कोविंद ने कहा कि सबसे पहले हमें ‘खेत से दस्तरखान’ तक की श्रृंखला में छूटी कड़ियों को जोड़ना चाहिए।

किसान को उसकी उपज के लिए मिलने वाले दाम और ग्राहक द्वारा चुकाए जाने वाले मूल्य के अंतर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम करना चाहिए। खाने की बर्बादी पर चिंता जाहिर करते हुए कोविंद ने कहा कि यह न सिर्फ खेतों में बल्कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में भी एक वैश्विक समस्या है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

11 + nineteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।