नई दिल्ली : बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी एस्सार पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के वी बी रेड्डी का कहना है कि कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने से कई बिजली परियोजनायें बीच में फंस गयी हैं और बैंक उनके लिए अब अधिक धन देने से भी इनकार कर रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र गहरे संकट में फंस गया है। श्री रेड्डी ने आज कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने से एस्सार पावर का झारखंड स्थित तोरी संयंत्र भी अधर में लटक गया है। ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होने के कारण परियोजनायें बीच में फंसी हैं और बैंक आगे वित्त पोषण से इनकार कर रहे हैं।
परियोजनाओं में देर होने से बैंक इन पर उच्च जोखिम वाली संपदा का ठप्पा लगा देंगें और 13 से 14.5 फीसदी तक का ब्याज वसूल करने लगेंगें। अगर कंपनियां इस ब्याज को नहीं चुका पायेंगी तो यह रिण डूबी रकम में बदल जायेगी और इससे पूरा बिजली क्षेत्र प्रभावित होगा। उन्होंने बिजली और वित्त मंत्रालय से यह अनुरोध किया है कि वे ऐसी परियोजनाओं के लिए रिण की व्यवस्था करें और साथ ही यह सुनिश्चित करें कि इन परियोजनाओं पर 13-14 फीसदी के मौजूदा दर के बजाय बेस दर नौ फीसदी के आधार पर ब्याज लिया जाये।
श्री रेड्डी ने कहा कि अधिकतर राज्यों के उदय योजना से जुडऩे के कारण निजी बिजली उत्पादक कंपनियों की उम्मीद बढ़ी है। कई राज्यों के डिस्कॉम बोली लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं और उदय योजना से जुडऩे के कारण यह उम्मीद बढ़ी है कि इससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और वे बोली लगाने के लिए आगे आयेंगे। दरअसर पूरा बुनियादी ढ़ांचा क्षेत्र धन की कमी से जूझ रहा है और यह एक गंभीर मुद्दा है कि कैसे रिण के अनुकूल माहौल बनाकर इसे डूबी रकम में बदलने से रोका जाये।
– वार्ता