आज से लगभग कई वर्षों पहले माता-पिता टिफिन में या जब कोई बाहर की चीज खाने का मन हुआ करता था तब 2 रुपय मिलते थे उस समय में वह 2 रुपय ही बहुत मायने रखते थे। लेकिन अब वह समय नहीं रहा अब 2 रुपय बच्चे तो क्या भिखारी भी लेने से इनकार कर देते है।
क्योंकि उनकी कीमत इतनी कम हो गई है कि अब उस 2रुपय में कुछ खरीद पाना बहुत मुश्किल सा हो गया है या फिर यह कहे कि आज के समय में उन पैसो में कुछ भी आना असंभव है। उन्हे भी अब नोट ही चाहिए। और साथ ही आज के समय में बाजार में भी सिक्को की कीमत बहुत कम होती जा रही है।
लेकिन क्या आपको पता है कि इस 2रुपय में इतना दम है कि यह आज भी आपको लखपति बना सकता है । अगर आपके पास यह रुपय का खास सिक्का है तो यादि आपकी किस्मत में भी हुआ दम तो यह आपको 3 लाख रुपय तक का फायदा हो सकता है। और आपको मालामाल कर सकता है।
कौन है व्यापारी :
आंध्र प्रदेश में रहने वाले करोबारी बी चंद्रशेखर जो सड़क के किनारे ऐसे ही सिक्कों की वल्र्ड तेलुगू कॉफ्रेंस के समाने स्टाल लगाते है इस तरह के होने वाले एग्जीबिशन के दौरान लोग उनकी दुकान पर इस प्रकार के सिक्कों को खरीदने के लिए आते है उनके पास ऐसे विन्टेज सिक्कों का कलेक्शन है जिनसे यह सिक्के वेस्ट नहीं बल्कि आप इन सिक्कों को बेच सकते है और तीन लाख रुपय कमा सकतें है। बी चंद्रशेखर ने इसी तरह के कुछ सिक्के संग्रहित किये जिनमें से 2रुपय का स्पेशल सिक्का उन्होंने तीन लाख रुपय में बेचा है। यादि आप के पास भी 2रुपय के सिक्के है तो आप क्यों है पीछे आप भी बन सकते है लखपति ।
क्या थी सिक्के की खासियत
सिक्के की खासियत यह थी कि मुबंई मिंट भारत की सबसे पुरानी मिंट में से एक थी जिसका निर्माण अंग्रेजों ने किया। 1973 में मुंबई मिंट में ढाला गया था। जोकि बी चंद्रशेखर ने 2रुपय का सिक्का 3लाख रुपय में बेचा था।
बी चन्द्रशेखर ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह 65साल के तमाम ऐसे सिक्के जो स्मारक या ऐतिहासिक हैं वह सारे ही उनके पास मौजूद हैं। 24 साल से यही कारोबार होने के मुताबिक वह यह सिक्के बेचने का बिजनेस कर रहे हैं उनके पास देश-विदेश से लोग आते है ।