नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय नीति को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। देश में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक सामनों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए यह नीति बनायी जा रही है। प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार भारत को 1,000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हम इलेक्ट्रॉनिक नीति पर काम कर रहे हैं। हमने उसे लगभग अंतिम रूप दे दिया है। हमने हरसंभव व्यापक विचार-विमर्श किया है। मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को चिकित्सा, रक्षा और ऑटोमोबाइल सामान के निर्माण पर ध्यान देने को कहा।
प्रसाद ने कहा कि हम भारत को एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री जल्द ही इसकी शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में 240 कंपनियां मोबाइल फोन और उसके कलपुर्जों का निर्माण कर रही है।प्रसाद ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा मोबाइल फोन विनिर्माण के गढ़ के रूप में उभरे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इस कार्यक्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि वह इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को उभरते उद्योग के तौर पर देख रहे हैं। देश में इलेक्ट्रॉनिक पर पहली राष्ट्रीय नीति को 2012 में लागू किया गया था। उसमें देश में विनिर्माण इकाई लगाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न सुविधाएं देने की बात कही गयी थी।