नई दिल्ली : दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा कि कुछ दूरसंचार परिचालकों को कॉल ड्राप के मामले में सेवा गुणवत्ता के नये नियमों को पूरा करने में विफल रहने को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया गया है। उन्हें इस सप्ताह तक जवाब देने को कहा गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर एस शर्मा ने उन कंपनियों का नामसार्वजनिक कर उन्हें शर्मिदा करना नहीं चाहता। उन्होंने उन कंपनियों के नाम बताने से मना कर दिया जिसे कारण बताओ नोटिस दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि नियामक मानदंडों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों का नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहेगी।
शर्मा ने कहा कि संशोधित गुणवत्ता सेवा मानदंडों का पालन नहीं करने को लेकर विशिष्ट सर्किलों के लिये संबंधित कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। आकलन में नये और अधिक कड़े कॉल ड्राप नियमों को मानक बनाया गया है जो एक अक्तूबर 2017में प्रभाव में आया। इन मानदंडों के तहत दिसंबर तिमाही में पहली बार कंपनियों ने अपने नेटवर्क डेटा के बारे में जानकारी दी। नये नियमों के अंतर्गत दूरसंचार कंपनियों को कॉल ड्राप के लिये अधिकतम10लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।
इसका आकलन मोबाइल टावर के स्तर पर किया जाएगा न कि दूरसंचार सर्किल के स्तर पर। उन्होंने कहा कि संबंधित दूरसंचार कंपनियों के जवाब ओने के बाद ट्राई एक महीने में कार्रवाई के बारे में निर्णय करेगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कितनी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं। शर्मा ने कहा कि प्रक्रिया के तहत हमने उन्हें कुछ समय दिया है। जवाब देने की समयसीमा इस सप्ताह समाप्त हो रही है।
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