वियना : अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले कुछ समय में आयी भारी गिरावट को देखते हुये तेल निर्यातक देशों के प्रमुख संगठन ओपेक ने जनवरी से उत्पादन में कटौती का फैसला किया है। ओपेक ने दो दिवसीय मंत्री स्तरीय बैठक के बाद जारी बयान में बताया कि जनवरी 2019 से कच्चे तेल का दैनिक उत्पादन 12 लाख बैरल घटाया जायेगा।
आरंभ में यह फैसला छह महीने के लिए लागू होगा तथा अगले साल अप्रैल में होने वाली बैठक में इसकी समीक्षा की जायेगी। इस फैसले से भारत में पिछले दो महीने से पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस तथा विमान ईंधन की कीमतों में उपभोक्ताओं को मिल रही राहत अब थम सकती है तथा एक बार फिर इन पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि बाजार के मौजूदा परिदृश्य पर विचार-विमर्श और वर्ष 2019 में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग एवं आपूर्ति में बढ़ते अंतर को देखते हुये कुल उत्पादन में जनवरी 2019 से 12 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती का फैसला किया गया है। आरंभ में यह छह महीने के लिए होगा।
उत्पादन में प्रस्तावित 12 लाख बैरल रोजना की कटौती में से ओपेक देशों का योगदान आठ लाख बैरल का होगा जबकि स्वेच्छा से इसमें शामिल होने वाले देश अपना उत्पादन चार लाख बैरल घटायेंगे। स्वेच्छा से शामिल होने वाले देशों में रूस सर्वप्रमुख है। इस फैसले को न्यायोचित तरीके से लागू कराने की जिम्मेदारी मंत्रियों की संयुक्त निगरानी समिति को दी गयी है।
समिति का काम यह देखना होगा कि ओपेक के भीतर तथा संगठन का सहयोग कर रहे देशों के बीच न्यायोचित तरीके से उत्पादन में कटौती के भार का बंटवारा हो तथा सभी देश इसका पालन करें। समिति इस पर अपनी रिपोर्ट भी देगी।ओपेक तथा गैर ओपेक देशों की यह पांचवीं मंत्री स्तरीय बैठक थी। इसकी अध्यक्षता ओपेक के अध्यक्ष तथा संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा एवं उद्योग मंत्री सुहैल मोहम्मद और रूस के ऊर्जा मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने संयुक्त रूप से की।