नयी दिल्ली : सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश और नागर विमानन मंत्रालय की अगले वित्तवर्ष के लिए अनुदानों की मांग पर आज एक संसदीय समिति ने विचार-विमर्श किया। परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति की बैठक एक घंटे से अधिक चली। इसमें मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रमुख, एयर इंडिया और पवन हंस के अधिकारी एवं अन्य शामिल हुए। इसकी अध्यक्षता तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ. ब्रायन ने की। बैठक के एजेंडा के अनुसार समिति एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश पर कर्मचारी संघों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं और मंत्रालय की अनुदानों की मांग पर नागर विमानन सचिव की राय जानना चाहती थी।
बैठक में नागर विमानन सचिव आर. एन. चौबे, डीजीसीए के महानिदेशक बी. एस. भुल्लर, एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला और पवन हंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बी. पी. शर्मा इत्यादि मौजूद रहे। बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि समिति ने आज एयर इंडिया के विनिवेश और मंत्रालय की अनुदान मांगों पर विचार-विमर्श किया। पिछले महीने समिति की बैठक में एयर इंडिया विनिवेश की मसौदा रपट को लेकर काफी खींचतान हुई थी। उस समय बैठक में मौजूद अधिकतर सदस्यों ने इस मसौदा रपट को वापस लेने के लिए कहा था और उस पर कुछ विपक्षी सदस्य बहिर्गमन कर गए थे। मसौदे में विनिवेश का विरोध किया गया था।
सरकार घाटे में चल रही एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश पर काम कर रही है। इस 31 सदस्यों वाली स्थायी समिति में 15 भाजपा से और एक-एक सदस्य उसकी सहयोगी तेलगूदेशम, अपना दल और रालोसपा से हैं। इसके अलावा तीन सदस्य कांग्रेस, तीन तृणमूल कांग्रेस और एक-एक सपा, वाईएसआर कांग्रेस, राजद, राकांपा, बीजद, माकपा और अन्नाद्रमुक से हैं।
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