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कॉरपोरेट गतिविधियों पर जनता रखेगी नजर

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नई दिल्ली : वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कंपनियों के आंकड़े ऑनलाइन उपलब्ध होने से अब कॉरपोरेट गतिविधियों पर जनता नजर रख सकती है और उनका अवलोकन कर सकती है। इससे यदि कुछ अनुचित दिखाई देता है तो उसके पकड़े जाने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा ने सभी पर दबाव बनाया है कि वे नियम-कानूनों का अनुपालन ठीक से करें और पारदर्शिता बनायें रखें। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे जेटली ने कहा कि अब यह सब (कॉरपोरेट गतिविधियां) जनता के अवलोकन के लिये सुलभ है, इसलिए इसके अपने लाभ हैं। इसका प्रमुख लाभ यह है कि इसने सभी पर दबाव बनाया है कि वे नियम-कानूनों का अनुपालन ठीक से करें।

हर कोई अब यह जानता है कि यदि कुछ भी अनुचित हुआ तो उसके पकड़े जाने की संभावना बहुत बढ़ गई है। जेटली ने यह बात यहां कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के राष्ट्रीय सीएसआर डेटा पोर्टल और कॉरपोरेट डेटा पोर्टल के उद्घाटन के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि डाटा के ऑनलाइन उपलब्ध होने से किसी भी अनियमिता पर विरोध करना आसान हो गया है। इसमें मुखौटा कंपनियों के माध्यम से कोष को इधर-उधर करना भी शामिल है। जेटली ने कहा कि इसलिये यह पारदर्शिता पूरे तंत्र के लिये अच्छी है, भारतीय कॉरपोरेट के लिए भी अच्छी है। यह अच्छा है कि आपकी जितनी जानकारी जनता को मिलनी चाहिये वह जानकारी सार्वजनिक हो रही है।

कंपनियों के सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पर जेटली ने कहा कि कंपनी अधिनियम 2013 में किए गए संशोधन ने भारत में कंपनियों के कल्याणकारी कार्य को औपचारिक बना दिया है। उल्लेखनीय है कि कंपनी अधिनियम-2013 के तहत एक खास वर्ग की कंपनियों को अपने पिछले तीन साल के मुनाफे का दो प्रतिशत सीएसआर पर खर्च करना अनिवार्य बनाया गया है। जेटली ने कहा कि भारत में धर्मार्थ कार्य पश्चिम की तरह नहीं है। यहां यह ज्यादा परिवार और समुदाय केंद्रित है। धार्मिक समूह, जाति समूह और सामाजिक समूह इसे करते रहे हैं।

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