नई दिल्ली : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को अतिरिक्त मुद्रा भंडार हस्तांतरित करने को लेकर आगाह किया है। उन्होंने कहा कि इससे केंद्रीय बैंक की रेटिंग नीचे आ सकती है। आरबीआई की रेटिंग ‘एएए’ से कम करने से केंद्रीय बैंक के लिये कर्ज महंगा होगा और उसका प्रभाव पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक द्वारा अतिरिक्त मुद्रा भंडार सरकार को हस्तांतरित करने से रेटिंग घट सकती है, रघुराम राजन ने कहा कि यह हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी राशि दी जाती है, यह एक मुद्दा हो सकता है। यह एक चिंता का कारण है। उन्होंने एक चैनल से बातचीत में कहा कि इस मुद्दे पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सरकार तथा आरबीआई को चर्चा करनी चाहिए।
राजन ने कहा कि हम बीएए देश हैं। हमारी मुश्किल से निवेश स्तर की रेटिंग है। कभी-कभी हमें अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन की जरूरत है जिसे उच्च क्रेडिट रेटिंग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक का लाभ मुख्य रूप से रुपये की विनिमय दर में गिरावट से आता है। इसमें से एक हिस्सा आकष्मिक कोष के रूप में रखा जाता है। केंद्रीय बैंक सामान्य रूप से पूरा लाभ सरकार को देता है।
राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक लाभ दे सकता है लेकिन वह राशि नहीं दे सकता जो वह आपात भंडार के रूप में रखता है। उदाहरण के लिये रुपये की विनिमय दर में गिरावट के बाद रुपया मजबूत भी हो सकता है…इसीलिए हमें उसकी भी व्यवस्था करके रखनी चाहिए।