नई दिल्ली: देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां में नवंबर महीने में गिरावट आई है। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जीएसटी के लागू होने के बाद मांग में गिरावट और ग्राहकों की संख्या में कमी आई है। सर्वेक्षण के मुताबिक नवंबर महीने में खरीद प्रबंधन सूचकांक 50 के स्तर से नीचे रहा है। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर का मतलब विस्तार से है, जबकि इससे नीचे का स्तर गिरावट को दर्शाता है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रपट तैयार करने वाली आशना दोधिया ने कहा कि जुलाई में लागू जीएसटी से कारोबार प्रभावित हुआ है, इससे ग्राहकों की संख्या में कमी आई है फलस्वरूप मांग कमजोर रही है।
इससे पहले एक दिसंबर को विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई जारी किया गया था। नवंबर माह में पीएमआई में मजबूती दर्ज की गई। बहरहाल, निक्केई कंपोजिट सूचकांक के मुताबिक, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की संयुक्त गतिविधियां अक्तूबर में 51.3 प्रतिशत से गिरकर नवंबर में तीन महीने के निचले स्तर 50.3 पर आ गई। कीमत के मोर्चे पर कहा गया है कि लागत आधारित मुद्रास्फीति में अक्तूबर 2013 के बाद सर्वाधिक तेजी आई है और इसके परिणाम स्वरूप नवंबर में सेवा प्रदाताओं ने अपने बिक्री मूल्य में औसतन वृद्धि की है। उद्योग जगत, हालांकि ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रही है। उद्योग जगत का मानना है कि मूडीज की सावरेन रेटिंग बढ़ाये जाने से देश में जो बेहतर माहौल बना है, दर कटौती से इसमें और तेजी आयेगी।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।