कोलकाता : अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में नरमी से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सुस्त पड़ी है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने सोमवार को यह बात कही। बसु ने कहा कि हालिया समय में देश की जीडीपी की वृद्धि दर कम हुई हैं क्योंकि कुछ क्षेत्रों में नरमी देखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसका परिणाम हुआ कि रोजगार सृजन में गिरावट आयी है और यह चिंता का विषय है। कौशिक बसु ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बदहाली काफी स्पष्ट है और किसानों की स्थिति खराब है। उन्होंने ग्रामीण इलाके के लोगों की स्थिति पर सरकार द्वारा ध्यान दिये जाने की मांग करते हुए कहा कि जीडीपी वृद्धि की दर में सुस्ती छह महीने से एक साल तक कायम रह सकती है।
उन्होंने कहा कि इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। कौशिक बसु ने कहा कि कृषि क्षेत्र अभी भी नोटबंदी के प्रभाव से निकल नहीं पाया है जबकि अन्य क्षेत्र काफी हद तक इससे उबर चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2016 से जनवरी 2017 की अवधि में भारी कर्ज पर निर्भर रहे अधिकतर किसान अभी तक स्थिति से उबर नहीं पाये हैं। कृषि ऋण माफी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विशिष्ट परिस्थितियों के कारण देश में इसकी जरूरत रही।