मुंबई : एक्सिस बैंक की प्रमुख शिखा शर्मा ने दीर्घकालिक फायदे के लिए बेहतर ऋण संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चूककर्ता प्रवर्तकों को ऋणशोधन प्रक्रिया में अपनी आस्तियों के लिए बोली लगाने की अनु मति नहीं दी जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक चूककर्ता कर्जदारों के खिलाफ ऋणशोधन प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दे रहा है, ऐसे में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरणों एनसीएलटी को मजबूत बनाए जाने की जरूरत है। एक्सिस बैंक की प्रबंध निदेशक व सीईओ शर्मा ने हाल ही में पीटीआई भाषा से एक साक्षात्कार में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से और अधिक मामले एनसीएलटी में जाएंगे, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उनकी क्षमता बढाई जाए ताकि वे सभी मामलों का निपटान कर सकें।’ शर्मा ने कहा कि इस पहलू पर कुछ बातचीत पहले ही चल रही है और आरबीआई ने इस जरूरत को पहले ही अपने दिमाग में रखा होगा। उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों के खिलाफ बैंकों ने ऋणशोधन प्रक्रिया शुरू की है उनके प्रवर्तकों को उन्हीं आस्तियों की बोली में भाग लेने से रोक जाना चाहिए। यह ऋण संस्कृति में सुधार के लिए दीर्घकालिक फायदा करेगा। उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए अल्पकालिक लक्ष्य तो यही होगा कि वे बोली के लिए पेश आस्तियों से मूल्य को अधिकाधिक करें और इसके लिए प्रर्वतकों को आस्तियों में बोली लगाने की अनुमति दी जा सकती है लेकिन दीर्घकालिक सही परिदृश्य यही है कि सही ऋण संस्कृतिक हो जहां हर कर्जदार ऋण चुकाए अधिक महत्वूपर्ण है।
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