माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के रिटर्न दाखिल करने में आ रही दिक्कतों को लेकर लगातार आलोचना का सामना कर रही सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इंफोसिस ने राज्यों में तैनात आईटी विशेषज्ञों एवं अभियंताओं की संख्या बढ़ा दी है। एक सरकारी अधिकारी ने आज इसकी जानकारी दी।
रिटर्न दाखिल करने के लिए तैयार पोर्टल जीएसटी नेटवर्क को इंफोसिस ने ही बनाया है। कंपनी को इसके लिए 2015 में 1,380 करोड़ रुपये का ठेका मिला था। उसे यह ठेका पांच साल के लिए मिला था। अधिकारी ने बताया, इंफोसिस ने जीएसटी नेटवर्क के लिए और अभियंताओं तथा आईटी विशेषज्ञों को तैनात करने की शुरुआत कर दी है। उन्हें बड़ राज्यों में भेजा जा रहा है ताकि वे आ रही दिक्कतों को दूर कर सकें एवं राज्यों को प्रणाली समझने में मदद कर सकें।
उन्होंने कहा कि इंफोसिस ने जीएसटीन कायो’ के लिए अब तक 100 से अधिक आईटी विशेषज्ञों को तैनात कर दिया है। कंपनी ने ईमेल किये गये सवालों के जवाब में कहा, परियोजना की जटिलता तथा प्रबंधन में तेज बदलाव को देखते हुए कई संबंधित पक्षों की चिंताएं भी उठायी गयी थीं। हमारे कुछ सबसे बेहतरीन अभियंता जीएसटीन टीम की मदद कर रहे हैं और वे इन चिंताओं को दूर कर रहे हैं।
जीएसटीएन पर सितंबर में बने मंत्रियों के समूह ने पोर्टल के संबंध में कारोबारियों की दिक्कतों को लेकर कंपनी को और कर्मचारी तैनात करने को कहा था। समूह की अध्यक्षता कर रहे बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पिछले सप्ताह इंफोसिस को प्रमुख राज्यों में 30 अक्तूबर तक अभियंताओं की संख्या बढ़ने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था, वे नौ राज्यों में ऐसा कर चुके हैं और अन्य राज्यों में इसके लिए नवंबर तक का समय मांगा है।