नई दिल्ली : खनन क्षेत्र के दिग्गज अनिल अग्रवाल ने संकेत दिया है कि वह एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये बोली बढ़ाने को तैयार हैं। अग्रवाल ने कहा कि उनके समूह की मुख्य कंपनी वेदांता लि. कर्ज नहीं चुका पा रही एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये पूरी तरह उपयुक्त है क्योंकि वह लौह अयस्क के साथ प्राकृतिक गैस का भी उत्पादन करती है। उन्होंने कहा कि पहली बार की बोली में वेदांता की 35,000-36,000 करोड़ रुपये की पेशकश सबसे अधिक थी। बैंकों और वित्तीय संस्थानों का एस्सार स्टील पर करीब 50,800 करोड़ रुपये का बकाया है।
उसके समाधान के लिए दिवाला संहिता के तहत कंपनी नीलाम की जा रही है। पहली बार बोली लगाने वाले पक्षों में वेदांता लि. के अलावा आर्सेलरमित्तल और रूस की वीटीबी कैपिटल समर्थित न्यूमेटल लि. भी शामिल थे। लेकिन आर्सेलरमित्तल और न्यूमेटल की पात्रता को लेकर कानूनी लड़ाई के दौरान वीटीबी कैपिटल की विशेष उद्देश्यीय कंपनी ने दूसरी बार बोली अपनी बढ़ाकर 37,000 करोड़ रुपये कर दी। बाद में आर्सेलरमित्तल ने उससे भी आगे जा कर 42,000 करोड़ रुपये कर दिया है। न्यूमेटल ने कहा है कि वह आर्सेलरमित्तल की बोली की बराबरी करेगी। मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया है।
पहली खुली नीलामी में वेदांता को मिले 41 तेल-गैस ब्लाक
न्यायालय ने आर्सेलरमित्तल और न्यूमेटल को बोली के लिए पात्र होने को पहले भारत में अपने समूह की कंपनियों पर बैंकों के बकायों का भुगतान करने को कहा है। अग्रवाल ने कहा कि अदालत ने साफ कहा है कि पहले दौर की बोली आधार होगी और उसने तीनों बोलीदाताओं को पेशकश के लिये कहा है। आर्सेलर मित्तल को भाग लेने के लिये कर्ज लौटाना होगा। न्यूमेटल को भी बोली में शामिल होने के लिये बकाया कर्ज देना होगा। उन्होंने कहा कि वेदांता पहले दौर की बोली के साथ पात्र है। हम पहले से बोली में बने हुए हैं। उच्चतम न्यायालय की शर्तें पूरी होने के बाद एस्सार स्टील को कर्ज देने वालों की समिति प्राप्त बोली की समीक्षा करेगी। अग्रवाल ने कहा कि जहां तक हमारा सवाल है, हमारी निश्चित रूप से इसमें रूचि है लेकिन मैं झागड़े में कभी नहीं पड़ना चाहता।
मेरे पास चीजें पर्याप्त हैं और मैं खुश हूं। मैं अदालत नहीं गया। मैने कभी एस्सार के अधिग्रहण को लेकर शोर नहीं किया। उन्होंने कहा कि एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये वेदांता उपयुक्त है क्योंकि वह लौह अयस्क का उत्पादन करती है जो स्टील बनाने का कच्चा माल है। साथ ही वह प्राकृतिक गैस का उत्पादन करती है जिसका उपयोग इस्पात निर्माण प्रक्रिया में किया जाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पेशकश मूल्य बढ़ाने को तैयार हैं, अग्रवाल ने कहा कि मैं सभी चीज के लिये पूरी तरह तैयार हूं। लेकिन वह इंतजार करना और यह देखना चाहते हैं कि दोनों प्रतिद्वंद्वी कंपनियां कैसे उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अमल करती हैं।