नई दिल्ली : देश में यात्री वाहनों की बिक्री में जून माह में 37.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यात्री वाहन क्षेत्र में करीब दस वर्ष में यह सबसे तेज मासिक वृद्धि है। हालांकि, वाहन बिक्री में हुई इस तीव्र वृद्धि के पीछे पिछले वर्ष के निचले आधार को प्रमुख वजह माना जा रहा है। पिछले साल जुलाई में जीएसटी लागू होने की प्रतीक्षा में खरीदारों ने कीमतें कम होने की उम्मीद में वाहन खरीद की अपनी योजना टाल दी थी। भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने कहा कि घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री जून महीने में 37.54 प्रतिशत बढ़कर 2,73,759 इकाई हो गयी जबकि इससे पिछले वर्ष जून में 1,99,036 यात्री वाहनों की ही बिक्री हुई थी।
यह यात्री वाहन क्षेत्र की दिसंबर 2009 के बाद की सबसे तेजी वृद्धि है। दिसंबर में यात्री वाहन बिक्री में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जून माह में कारों की बिक्री 34.21 प्रतिशत बढ़कर 1,83,885 वाहन रही, जो जून 2017 में 1,37,012 वाहन थी। सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा कि पिछले वर्ष इसी अवधि में लोगों ने वाहन खरीदने की योजना टाल दी थी क्योंकि उन्हें जीएसटी लागू होने के बाद कीमतें कम होने की उम्मीद थी। इसलिए इस वर्ष हम जो वृद्धि देख रहे हैं वो पिछले वर्ष हुई कम बिक्री के आधार पर है।
पिछले माह विशिष्ट उपयोगी वाहनों, कारों और वैन की बिक्री में क्रमश : 47.11 प्रतिशत, 34.21 प्रतिशत और 35.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यात्री वाहन बिक्री 19.91 प्रतिशत बढ़कर 8,73,501 इकाई रही, जो अप्रैल-जून 2017 में 7,28,483 इकाई थी। सियाम द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून 2018 में दुपहिया वाहनों की कुल बिक्री 22.28 प्रतिशत बढ़कर 18,67,884 इकाई रही जबकि जून 2017 में 15,27,509 दुपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी।