इस तरह के संकेत मिले हैं कि जिस तरह से पिछले 8 नवम्बर को पीएम मोदी ने अचानक 1000 और 500 के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था कुछ उसी अंदाज में 2000 के नए नोटों को भी सरकार बंद कर सकती है, हालांकि इस संबंध में रिजर्व बैंक या केन्द्र सरकार की ओर से आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक आरबीआई अब बाजार में छोटे नोटों की सप्लाई बढ़ाने की तैयारी में है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार 11 अप्रैल को नोटों की छपाई के लिए प्रॉडक्शन प्लानिंग की बैठक हुई थी। बैठक में रिजर्व बैंक ने 2000 के सौ करोड़ नोट छापने का प्रस्ताव रखा था। मगर वित्त मंत्रालय ने 2000 के नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया था। हालांकि बाकी छोटे नोट छापने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार छोटे नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर जोर दे रही है। इससे जाली मुद्रा की साजिश पर लगाम लगेगी। वहीं सरकार चाहती है कि लोग कैश की जगह कार्ड से पेमेंट ज्यादा करें। बड़े नोट की कमी होने से लोगों को बड़ी राशि का कैश से पेमेंट करने में दिक्तत आएगी। ऐसे में वे ऑनलाइन या कार्ड से पेमेंट करेंगे। इससे कैशलेस इकॉनामी को बढ़ावा मिलेगा। 2000 के नोट को बंद करना सरकार के लिये इतना आसान नहीं है। मीडिया भी बिना किसी ठोस कारण के इस प्रकार के समाचार को बढ़ावा दे देती है। यह संभव है कि बड़ी राशि के नोट की आपूर्ति कम कर दे।
पिछले कुछ हफ्तों से एटीएम में 2000 रुपये के नोट की कमी देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने पिछले कुछ हफ्तों से बैंकों को 2 हजार रुपये के नोटों की कम आपूर्ति की है। इस कारण बैंक अब एटीएम में भी 2000 के नोट को कम भर रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि एटीएम से 2000 रुपये के नोट की जगह खत्म की जा रही है। इसके अलावा यह भी आशंका जताई जा रही है कि पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के ऐलान के तुरंत बाद आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट छापने शुरू किए थे और हो सकता है कि अब इनकी सप्लाई ऐसे स्तर पर पहुंच गई हो, जिससे आरबीआई असहज महसूस कर रहा हो। यह कम वैल्यू के नोट ज्यादा प्रिंट करने की सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा होगा। आरबीआई जल्द 200 रुपये के नोट जारी कर सकता है।