उज्जैन : नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश की अपनी बस सूत्र-सेवा के माध्यम से प्रदेश की परिवहन व्यवस्था को एक सूत्र में बाँधने का प्रयास किया जा रहा है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालय तथा दूरस्थ क्षेत्र राजधानी से बस सेवा द्वारा जुड़ जायेंगे। इसमें 20 शहरों में 700 बसों का संचालन किया जायेगा।
मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बताया कि वर्ष 2006 में मध्यप्रदेश राज्य परिवहन की सेवाएँ समाप्त होने के बाद से लगातार शासकीय बस सेवा की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसकी पूर्ति के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा निजी भागीदारी के साथ उत्तम श्रेणी की बस सेवा प्रारंभ कराने का निर्णय लिया गया है। इसमें भारत सरकार की अमृत योजना से मदद ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा टेण्डर जारी कर 700 बसों के संचालन हेतु निविदाऐं प्राप्त कर ली गई है। इन सेवा में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में केन्द्रांश 33 प्रतिशत, राज्यांश 50 प्रतिशत और निकाय का अंश 17 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जबकि 10 लाख से कम आबादी वालों शहरों में केन्द्रांश 50 प्रतिशत, राज्यांश 40 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
श्रीमती माया सिंह ने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत चयनित 16 नगर निगम भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, सिंगरौली, छिन्दवाड़ा, खण्डवा तथा 4 नगर पलिका गुना, भिण्ड, शिवपुरी एवं विदिशा में शहरीय और अर्दशहरीय बस सेवा सुविधा बहाल होगी। प्रथम चरण में प्रधानमंत्री 23 जून को इंदौर में 4 नगर निगम और 2 नगर पलिका क्षेत्र के लिए 127 बसों को हरी झण्डी दिखाकर योजना का शुभारंभ करेंगे।
श्रीमती माया सिंह ने बताया कि प्रदेशवासियों को बेहतर और सुरक्षित बस सेवा मुहैया करवाने के उद्देश्य से प्रारंभ की जा रही इस बस सेवा में आई.टी.एम.एस. उपकरणों जैसे जी.पी.एस., पी.आई.एस., पी.ए.एस. महिलाओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए पेनिक बटन, कैमरा जैसे यंत्र लगे होंगे। इन बसों को शहरों में बनाए कंट्रोल कमांड सेंटर के साथ पब्लिक ग्रिवेन्स सिस्टम तथा हेड कन्ट्रोल कमांड सेंटर से सम्बध किया जाएगा।
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