लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के क़रीब एक दर्जन विधायकों को अमेरिका के किसी नंबर से व्हाट्सऐप पर रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी आई है। सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी बना दी है, जिसमें एटीएस और एसटीएफ के बड़े अफ़सर शामिल हैं. केंद्रीय इंटेलिजेंस एजेंसियां भी विदेशी एजेंसियों के ज़रिए इसकी जांच में जुट गई हैं।
कुशीनगर से बीजेपी के एमएलए रजनीकांत मनी त्रिपाठी अपने लिए भले फ़िक्रमंद न हों लेकिन घर वालों के लिए तो हैं ही। उन्हें एक वीडियो, एक ऑडियो और 5 व्हाट्सऐप मैसेज से धमकी मिली है। पहला मैसेज था कि “क्राइम ब्रांच मुझसे डरता है। आपकी मदद क्या करेगा?”… दूसरा मैसेज- लगता है कि घर में किसी की हत्या के बाद ही आप पैसा जुटाएंगे?…तीसरा मैसेज- अपनी ज़िंदगी के आख़िरी लम्हों का आनंद लें…चौथा मैसेज- मुझे आपसे बात करनी है और पांचवा मैसेज- इंतज़ार करो अपने अंजाम का।
रजनीकांत मनी त्रिपाठी ने कहा कि ”अपनी तरफ से हम कुछ अंदाज लगा पा रहे हैं और मैंने इसीलिए निकट के थाने हज़रतगंज में एफआईआर दर्ज करवा दी है। वे लोग जांच करेंगे, पता करेंगे कि वे कौन लोग हैं, उनका इंटरेस्ट क्या है।”
बीजेपी के जिन विधायकों को धमकी भरे व्हाट्सऐप मेसेज और वीडियो कॉल आए हैं उनमें सीतापुर के महोली के शशांक त्रिवेदी, बुलंदशहर के डिबाई की अनीता लोधी, खीरी के मोहम्मदी के लोकेन्द्र प्रताप, शाहजहांपुर के कटरा के वीर विक्रम, गोंडा के महनौन के विनय द्विवेदी, गोंडा के तरबगंज के प्रेम नारायण, बरेली के फ़रीदपुर के श्याम बिहारी, कानपुर के भोगनीपुर के विनोद कटिया, कुशीनगर के रजनीकांत मनी त्रिपाठी, लखनऊ के नीरज बोरा, बाराबंकी के सकेंद्र वर्मा, जालौन के कल्पी के नरेन्द्र सिंह और हरदोई के गोपामऊ के श्याम प्रकाश शामिल हैं।
गोंडा के बीजेपी एमएलए विनय द्विवेदी ने जब धमकी देने वाले से व्हाट्सऐप पर पूछा कि वह उनके बारे में क्या जानता है तो उसने बताया कि उनका घर का नाम मुन्ना है। उन्हें डर है कि अमेरिका में बैठा शख्स उनके घर का नाम जानता है वो कुछ कर भी सकता है। विनय द्विवेदी ने कहा कि ”इस देश में पहले भी प्रधानमंत्री की हत्या हो चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या हो चुकी है। संसद भवन पर हमला हो चुका है तो हो सकता है कि कहीं ना कहीं यह आतंकवादियों से भी जुड़ा हो सकता है।”
पुलिस कहती है कि राज्य और केंद्र दोनों की इंटेलिजेंस एजेंसियां इसकी जांच में जुटी हैं। व्हाट्सऐप मैसेज एक लेंडलाइन से आ रहे हैं। उसका गेट्वे और आईपी एड्रेस पता चल गया है। धमकी में जिस अली बाबा बुदेश का नाम है वह पहले दाऊद का गुरगा था। उसके पिता अरब और मान हिंदुस्तानी हैं। दाऊद से अलग होने के बाद अब वह बहरीन में रहता है। एडीजी आनंद कुमार ने अली बाबा बुदेश के बारे में बताया कि वह मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री के प्रोड्यूसरों, डायरेक्टरों और एक्टरों को एक्सटॉर्शन थ्रीट दिया करता था। बाद में बताया जाता है कि दाऊद से उसकी नाइत्तफाक़ी हो गई. इसकी वजह से दाऊद के गुर्गे उसके पीछे लग गए और संभवत: इसके वन ऑफ द पेरेंट्स, जो अरबी नस्ल के थे, तो वह बहरीन भाग गया।
आनंद कुमार ने बताया कि विधायकों के अलावा भोपाल के एक पत्रकार सहित दिल्ली और राजस्थान में कुछ अन्य लोगों को भी धमकी भरे मैसेज मिले हैं। प्रथम दृष्टया यह सुनियोजित साजिश लगती है। टैक्सास (अमेरिका) के एक लैंडलाइन नंबर से मैसेज भेजे गए हैं, जिस पर व्हाट्सऐप की सुविधा है।
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) से इस प्रकरण के सभी तथ्यों की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि तत्काल एटीएस और एसटीएफ के माध्यम से प्रकरण की गम्भीरता से जांच की जाए।प्राथमिकी दर्ज कराने वाले विधायकों का कहना है कि उन्हें जो मैसेज मिला है उसमें दस लाख रूपये तीन दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है अन्यथा परिवार के सफाये की धमकी दी गई है।
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