अहमदाबाद : शिंजो आबे और पीएम मोदी ने बुलेट ट्रेन की नींव रखी, इसकी लागत 1.10 लाख करोड़ है। जिसमें 88 हजार करोड़ का कर्ज जापान देगा. इस कर्ज का ब्याज 0.1 फीसदी होगा, जिसे 50 साल में चुकाना होगा। इससे पहले दोनों ने बुलेट ट्रेन के रूट का मॉडल देखा।
इसके बाद शिंजो आबे गांधीनगर में दांडी कुटीर जाएंगे। दोपहर में डेलिगेशन लेवल की बातचीत होगी। दोनों देशों के बीच जापान से US-2 amphibious aircraft खरीदने और सैन्य हथियारों को साझेतौर पर बनाने को लेकर बात होगी। शिंजो आबे आज रात ही टोक्यो रवाना हो जाएंगे. माना जा रहा है कि परिवहन रक्षा समेत कई क्षेत्रों में भारत और जापान के बीच 10 से ज़्यादा समझौते हो सकते हैं।
शिंजो आबे ने दिया जय जापान-जय भारत का नारा –
#WATCH Japanese PM Shinzo Abe says ‘Jai Japan- Jai India’ at #BulletTrain project inauguration in Ahmedabad pic.twitter.com/8pbud8jVEN
— ANI (@ANI) September 14, 2017
वहीं इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जापान के पीएम शिंजो आबे ने जय जापान-जय इंडिया का नारा देते हुए कहा कि जापान के JA और इंडिया के I को जोड़कर जय होता है, मतलब विजय। मैं उम्मीद करता हूं कि अगली बार जब में अहमदाबाद आऊं तो बुलेट ट्रेन में मोदी के साथ सवार होकर आऊं और उसकी खिड़की से यहां की संस्कृति और खूबसूरती देखूं।
उन्होंने कहा कि आज इस मौके पर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। आबे ने हिंदी में नमस्कार कहते हुए अपने भाषण की शुरुआती की और कहा कि पीएम मोदी एक दूरदर्शी नेता हैं और उनहे मेक इंन इंडिया के अलावा न्यू इंडिया विजन का हम समर्थन करते हैं। जापान मेक इन इंडिया को मजबूत करने के लिए तैयार है। अगर हम साथ मिलकर काम करें तो कुछ भी असंभव नहीं है।
#WATCH LIVE from Ahmedabad: PM & Japanese PM Shinzo Abe lay foundation stone for Mumbai-Ahmedabad High Speed Rail https://t.co/nvfWyrV8Pv
— ANI (@ANI) September 14, 2017
जापानी पीएम आए हैं, बुलेट ट्रेन लाए
खास मेहमानों की भव्य मेज़बानी का मौका इससे पहले अहमदाबाद में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी दिया था।लेकिन जापानी पीएम के साथ ये गर्मजोशी कई सालों के रिश्तों की बानगी है जहां 2015 दिसंबर में पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आबे की अगवानी की थी। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत आए, वो सीधे अहमदाबाद पहुंचे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका भव्य स्वागत किया।
जापान के पीएम का भारत दौरा
- सुबह 9 बजे: साबरमती स्टेडियम ग्राउंड
- बुलेट ट्रेन के लिए भूमि पूजन, डेमो
- सुबह 11:30 बजे: दांडी कुटीर संग्रहालय
- सुबह 11:50 बजे: महात्मा गांधी मंदिर में शिखर वार्ता
- दोपहर 1 बजे: दोनों पीएम की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस
- दोपहर 1:30 बजे: डेलिगेशन लेवल का लंच
- दोपहर 2:30 बजे: भारत-जापान के उद्योगपतियों के साथ बैठक
- दोपहर 3:45 बजे: डेलिगेशन लेवल की बातचीत
- शाम 4 बजे: इंडिया-जापान बिज़नेस प्लानिंग पर चर्चा
- शाम 6:45 बजे से 8:15 बजे: साइंस सिटी में डिनर
- रात 9:20 बजे: शिंजो आबे अहमदाबाद से रवाना
वैसे अक्सर ये सवाल उठते रहे हैं कि आखिर बुलेट ट्रेन क्यों जरूरी है, क्योंकि इस पूरे प्रोजेक्ट के साथ एक बड़ी रकम का निवेश जुड़ा है। वहीं दूसरे पक्ष का मानना है कि इससे ट्रैफिक में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, रोजगार बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
कितने का है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट?
बुलेट ट्रेन अपनी तेज रफ्तार और वक्त की पाबंद रहने के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि देश की हेवी ट्रैफिक रूटों पर इसकी जरूरत महसूस की जा रही है। अब मुंबई-अहमदाबाद के बीच इसकी शुरुआत हो रही है। जापान की मदद से मुंबई से अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलेगी। ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये की है। इसके लिए 88 हजार करोड़ रुपये जापान सरकार क़र्ज़ देगी।क़र्ज़ 0.1% के रेट पर मिलेगा, जिसे 50 साल में चुकाना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की महत्त्वपूर्ण बातें
- न्यू इंडिया ने एक बड़ा सपना पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह भारत के लिए भावुक क्षण है और जापान ने साबित कर दिया कि वह हमारा मजबूत दोस्त है।
- जितनी जापान की कुल जनसंख्या है…भारत में उतने लोग एक सप्ताह में ट्रेन से सफर कर लेते हैं। वडोदरा में बन रहा रेलवे संस्थान यहां के युवाओं को आधुनिक ट्रेनिंग मुहैया करेगा।
- हम पश्चिम और पूर्वी क्षेत्र के लिए फ्राइट कॉरीडोर बना रहे हैं। हाई स्पीड फ्रेट कॉरीडोर बनने से इकोनॉमी को भी रफ्तार मिलेगी।
- हम 106 नदियों को आपस में जोड़ने पर भी काम कर रहे हैं।
- बुलेट ट्रेन के लिए हम भले ही जापान से तकनीकी ले रहे हों लेकिन इसमें लगने वाले ज्यादातर पार्ट भारत में ही बनाए जाएंगे।
- तकनीकी का इस्तेमाल हमेशा गरीबों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए.
- अगर हम इतनी जल्दी इस प्रोजक्ट की इतनी जल्दी आधारशिला रख पाए हैं तो इसका सारा श्रेय हमारे सबसे नजदीकी दोस्त शिंजो आबे को मिलना चाहिए क्योंकि इन्होंने इसमें निजी रुचि दिखाई है।
- यह भारत और जापान के लिए ऐतिहासिक दिन है। अब हमारे लिए ऐस समय नहीं रहा है कि हमें धीरे-धीरे किसी प्रोजेक्ट में आगे बढ़ें।
- जब कोई शख्स कुछ खरीदता है तो एक-एक पैसे का हिसाब लगाता है। कोई एक बाइक खरीदता है तो 10 बैकों के चक्कर लगाता है और आधा प्रतिशत का ब्याज कम हो जाए तो खुशियां मनाता है. लेकिन क्या कोई ऐसा दोस्त या बैंक मिल सकता है जो मुफ्त में लोन दे। यह एक प्रोजेक्ट एक तरह से मुफ्त ही बनेगा।
- लोग पूछते थे कि मोदी बुलेट ट्रेन कब लाएंगे… अब जब लाना शुरू किया तो लोग पूछ रहे हैं कि क्यों लाएंगे…बुलेट ट्रेन जापान की ओर से भारत को दी गई एक बहुत बड़ी सौगात है।
- इस ट्रेन से काफी वक्त बचेगा और दोनों शहरों के बीच सड़क पर चलने वाली हजारों गाड़ियों की संख्या में कमी आएगी। पर्यावरण पर असर पड़ेगा और दोनों शहरों के बीच का पूरा एरिया सिंगल इकॉनमिक जोन में बदल जाएगा।
- बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट तेज गति, तेज प्रगति, तेज टेक्नॉलजी के माध्यम से तेज परिणाम लाएगा। सुविधा सुरक्षा के साथ रोजगार भी आएगा।
- एक अच्छा दोस्त समय और सीमा के बंधनों से परे होता है. जापान ने दिखा दिया है कि वह भारत का कितना मजबूत दोस्त है।
मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी पहली बुलेट ट्रेन
- बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये की है। इसके लिए 88 हजार करोड़ रुपये जापान सरकार क़र्ज़ के रूप में देगी। यह कर्ज 0.1% के रेट पर मिलेगा. इसे 50 साल में चुकाना होगा।
- इस परियोजना के शुरू होने से संगठित क्षेत्र में 24 हज़ार रोजगार पैदा होंगे। 24 ट्रेनें जापान से यहां आएंगी, और बाकी ट्रेनें भारत में ही बनेंगी।
- इसके शुरू होने से मेक इन इंडिया को और ताक़त मिलेगी क्योंकि भारत में इसके उपकरण और कोच बनेंगे।
- टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर भी होगा साथ ही कॉरिडोर के किनारे औद्योगिक विकास होगा.जिससे दूसरे हाइस्पीड प्रोजेक्ट को मदद मिलेगी।
- पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी। यह ट्रेन 508 किमी का फासला 3 घंटे में तय करेगी। मौजूदा समय में यह दूरी तय करने में 7 से 8 घंटे का समय लगता है। ट्रेन की रफ्तार 320 किमी/घंटे के करीब होगी।
- बुलेट ट्रेन बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स से शुरू होकर ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद के रास्ते साबरमती पहुंचेगी। इनमें से इनमें से बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स, ठाणे, विरार और बोईसर ही महाराष्ट्र में हैं बाकी गुजरात में।
- ठाणे और वसई के बीच 7 किमी समंदर के नीचे दौड़ेगी ट्रेन। रिपोर्ट के मुताबिक अगले 6-8 महीने में काम शुरू हो जाएगा। बुलेट ट्रेन का एक मॉडल भी अहमदाबाद आ चुका है।