संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘ पद्मावत ‘ को लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 5 संशोधन के बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। बावजूद इसके 4 राज्यों राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म के रिलीज पर बैन लगा दिया था।
इस मामले को लेकर ‘पद्मावत’ के निर्माता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। जहां अब इस फिल्म की देशभर में रिलीज को कोर्ट का भी ग्रीन सिग्नल मिल गया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई की।
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 राज्यों में फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन की मंजूरी देने से राजस्थान में एक बार फिर टकराव के हालात बन गए हैं। पिछले कई दिनों से इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग कर रहे राजपूत समाज के विरोध तथा आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगायी है।
लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार मुश्किल में पड़ गयी है तथा उसे नयी परिस्थितियों के कारण उत्पन्न कानून व्यवस्था की समस्या से निपटना है।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि कानून की पालना की जाएगी तथा अदालत के आदेश से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए विधि विभाग से राय लेकर कोयी रास्ता निकाला जाएगा।
इधर राजपूत संगठनों का कहना है कि वे अपने फैसले पर अडिग हैं तथा कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा सरकार का है। प्रदेश में फिल्म प्रदर्शन के बारे में डिस्ट्रीब्यूटर्स भी असमंजस की स्थिति में हैं। इनका कहना है कि फिल्म को बड़ पर्दे पर पूर्ण सुरक्षा के आश्वासन के बाद ही उतारा जाएगा।
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