अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव ने पूर्व निदेशक आलोक वर्मा द्वारा किए गए तबादलों संबंधी फैसले को रद्द कर दिया है और अधिकारियों की 8 जनवरी वाली स्थिति बहाल कर दी है। नागेश्वर राव ने शुक्रवार को जारी नए आदेश में घोषणा की कि वर्मा द्वारा दिए गए आदेश ‘‘अस्तिव में नहीं हैं’’।
आदेश में कहा गया, ‘‘… और परिणामस्वरूप सभी संबद्धों द्वारा इस संबंध में लिए गए सभी कदमों को अमान्य घोषित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, आठ जनवरी 2019 की स्थिति बहाल की जाती है।’’ सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया था। इसके बाद आलोक वर्मा ने नागेश्वर राव द्वारा किए गए सभी तबादले रद्द कर दिए थे।
उन्होंने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ मामले की जांच के लिए एक नया जांच अधिकारी भी नियुक्त किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, न्यायमूर्ति ए के सीकरी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सदस्यता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने वर्मा का सीबीआई से बृहस्पतिवार को तबादला कर दिया था।
सरकार ने अतिरिक्त निदेशक नागेश्वर राव को एजेंसी का प्रभार सौंपा। वर्मा और अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के दौरान भी राव ने 77 दिनों तक प्रभार संभाला था। सुप्रीम कोर्ट ने राव को कोई भी बड़ा नीतिगत निर्णय लेने से रोक दिया था लेकिन इस बार उनके कार्यकाल में ऐसी कोई शर्त नहीं है। एक सीबीआई प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि राव ने बृहस्पतिवार नौ बजे एजेंसी का कार्यभार संभाला।