रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कई अरब डॉलर के राफेल जेट सौदे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुक्रवार को स्वागत करते हुए कहा कि इससे यह साबित हो गया कि उनकी कंपनी के खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित और गलत थे।
सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर दिए अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद के सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। राफेल के निर्माता दसाल्ट एविएशन ने ऑफसेट प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (आरडीएल) के साथ एक समझौता किया था।
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अनिल अंबानी ने एक वक्तव्य में कहा, “मैं माननीय उच्चतम न्यायालय के राफेल सौदे को लेकर दायर की गई जनहित याचिकाओं को खारिज करने के आज के फैसले का स्वागत करता हूं। इससे यह साबित हो गया कि निजी तौर पर मुझ पर और रिलायंस समूह पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से मिथ्या, बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित थे।”
उन्होंने कहा, “भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और दसाल्ट एविएशन ऑफ फ्रांस के साथ ऑफसेट समझौते समेत रक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकार की मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया नीतियों के प्रति योगदान देने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं।”