दिल्ली सरकार के पास कोई शक्ति नहीं है। एलजी दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ चपरासी के तरह व्यवहार करते हैं। यह किसी भी मुख्यमंत्री का अपमान है। सपा नेता नरेश अग्रवाल ने राज्य सभा में यह बात कही। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में चल रही आम आदमी पार्टी की सरकार और राजधानी के लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच की खींचतान जहां सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है वहीं हैरतअंगेज तौर पर अरविंद केजरीवाल को संसद में विभिन्न विपक्षी दलों का सपोर्ट मिला।
नरेश अग्रवाल ने कहा कि। दिल्ली सरकार के पास कोई शक्ति नहीं है। एलजी दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ चपरासी के तरह व्यवहार करते हैं। यह किसी भी मुख्यमंत्री का अपमान है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को पर्याप्त अधिकार दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने दिल्ली को माडल सिटी बनाने की मांग की ताकि यहां के लोगों को आधुनिक सुविधाएं मिल सकें।
पुरी द्वारा चर्चा का जवाब देते समय उप सभापति पी जे कुरियन ने उनसे कहा कि सरकार को उपराज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री के विवाद पर जल्द कानूनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिये। पुरी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह सभी पक्षों की भागीदारी सुनिश्चित कर इस विवाद का स्थायी समाधान निकालेंगे।
आपको बता दे की सपा के राज्यसभा सदस्य ने बुधवार (27 दिसंबर) को भी दिल्ली की AAP सरकार का बचाव किया था। विजय गोयल ने दिल्ली में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर केजरीवाल सरकार की आलोचना की थी। इसकाे लेकर गोयल ने दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने तक की मांग कर डाली थी। मालूम हो कि AAP का फिलहाल राज्यसभा में एक भी सदस्य नहीं है।
जनवरी में यह समीकरण बदलने वाला है। केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर लंबे समय से खींचतान चल रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उपराज्यपाल के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसपर संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को काम न करने देने का आरोप लगाते रहे हैं।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे