लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

जब अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि राजीव गांधी की वजह से जिंदा हूं

अटल बिहारी वाजपेयी किडनी की समस्या से ग्रसित थे। उस वक्त उसका इलाज अमेरिका में ही संभव था लेकिन आर्थिक साधनों की तंगी के कारण वह अमेरिका नहीं जा पा रहे थे।

नई दिल्ली : भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि वह 1952 से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन कभी किसी पर कीचड़ नहीं उछाला। वह दरअसल राजनीति में मानवीय मूल्यों के पक्षधर थे। इसकी बानगी इसी बात से समझी जा सकती है कि उनके इस देश में आजादी के बाद सबसे लंबे समय तक राज करने वाले नेहरू-गांधी परिवार के साथ रिश्ते सहज रहे, जबकि विचारधारा के स्तर पर धुर विरोधी थे।

नेहरू-गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों से जुड़े उनके किस्सों पर एक नजर:

अमेरिका इलाज के लिए राजीव ने भेजा था : 1987 में अटल बिहारी वाजपेयी किडनी की समस्या से ग्रसित थे। उस वक्त उसका इलाज अमेरिका में ही संभव था लेकिन आर्थिक साधनों की तंगी के कारण वह अमेरिका नहीं जा पा रहे थे। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पता नहीं कैसे वाजपेयी की बीमारी के बारे में पता चल गया। उन्होंने अपने दफ्तर में वाजपेयी को बुलाया। उसके बाद कहा कि वे उन्हें संयुक्त राष्ट्र में न्यूयॉर्क जाने वाले भारत के प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार और नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि

इसके साथ ही जोड़ा कि उम्मीद है कि वे इस मौके का लाभ उठाकर वहां अपना इलाज भी करा सकेंगे। इस घटना का जिक्र मशहूर पत्रकार करण थापर ने अपनी हाल में प्रकाशित किताब ‘द डेविल्स एडवोकेट’ में किया है। थापर ने लिखा है कि 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने उनको याद करते हुए इस बात को पहली बार सार्वजनिक रूप से कहा। उन्होंने करण थापर को बताया, ‘‘मैं न्यूयॉर्क गया और इस वजह से आज जिंदा हूं।’’ दरअसल न्यूयॉर्क से इलाज कराकर जब वह भारत लौटे तो इस घटना का दोनों ही नेताओं ने किसी से भी जिक्र नहीं किया।

नेहरू से नाता

1957 में जब अटल बिहारी वाजपेयी बलरामपुर से पहली बार लोकसभा सदस्य बनकर पहुंचे तो सदन में उनके भाषणों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बेहद प्रभावित किया। विदेश मामलों में वाजपेयी की जबर्दस्त पकड़ के पंडित नेहरू कायल हो गए। उस जमाने में वाजपेयी लोकसभा में सबसे पिछली बेंचों पर बैठते थे लेकिन इसके बावजूद पंडित नेहरू उनके भाषणों को खासा तवज्जो देते थे। इन स्टेट्समैन नेताओं के रिश्तों से जुड़े कुछ किस्सों का वरिष्ठ पत्रकार किंगशुक नाग ने अपनी किताब ‘अटल बिहारी वाजपेयी-ए मैन फॉर ऑल सीजन’ में जिक्र किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five + 12 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।