केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बांग्लादेश की सीमा से लगे पांच पूर्वी राज्यों से आज कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए आने वाले अवैध प्रवासियों और रोहिंग्याओं से विशेष रूप से सतर्क रहें। पश्चिम बंगाल, असम, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों की एक बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्यों में स्थापित एकीकृत कमान की तर्ज पर इन राज्यों में जल्दी ही एक सीमा सुरक्षा ग्रिड बनाया जाएगा ताकि अवैध प्रवासियों पर काबू पाया जा सके।
बांग्लादेश के जरिए म्यामां से आने वाले अवैध प्रवासियों पर काबू को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को रोहिंग्याओं और अन्य अवैध प्रवासियों से विशेष रूप से सतर्क होना पड़ेगा। उन्होंने अवैध प्रवासियों के आने की समस्या पर काबू पाने का संकल्प जताया जिनके राष्ट्रविरोधी गतिविधियां करने वाले उग्रवादी समूहों से संपर्क हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग तथा संयुक्त कार्रवाई के जरिए ही चरमपंथी तत्वों और आतंकवादियों पर काबू पाया जा सकता है।
कई स्थानों पर खुली भारत-बांग्ला सीमा के जरिए रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का देश में आना भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार करीब 36 हजार रोहिंग्या के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि ग्रिड की योजना बनायी गयी है क्योंकि यह 4036 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा के लिए बहुआयामी और पूर्णतया सुरक्षित तंत्र है। उन्होंने अपने शुरूआती संबोधन में कहा कि ग्रिड में विभिन्न तत्व शामिल होंगे। इनमें भौतिक अवरोधक, गैर-भौतिक अवरोधक, निगरानी, खुफिया एजेंसियों, राज्य पुलिस, बीएसएफ और राज्य तथा केंद्र की एजेंसियां शामिल होंगी।
बांग्लादेश की सीमा में से 2217 किलोमीटर पश्चिम बंगाल में है। असम में 262 किलोमीटर, मेघालय में 443 किलोमीटर, त्रिपुरा में 856 किलोमीटर और मिजोरम में 180 किलोमीटर है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की यह चौथी बैठक है जिसे गृह मंत्रालय द्वारा आहूत किया गया है। एकीकृत कमान ढांचे में सेना, अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस शामिल होते हैं। यह जम्मू कश्मीर, असम और नगालैंड जैसे राज्यों में है ताकि आतंकवादियों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।
सिंह ने कहा कि राजग सरकार वैध व्यापार की सुविधा के लिए एक मजबूत व्यवस्था स्थापित कर देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा को सुरक्षित बनाने को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मवेशियों की तस्करी सहित सीमा पार से सभी प्रकार की तस्करी पर काबू पाने के लिए एक नए कानून की मांग की और अवैध अप्रवासन समाप्त करने के लिए प्रभावी कदम पर बल दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की केंद्र सरकार की पहल की सराहना की और पूर्ण सहयोग की पेशकश की।
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