बांका : छोटे-छोटे पहाड़ियों की शृंखला मनोहर वनों की पृथु वादियां एवं नदियों की अविरल जल धाराएं बांका जिला की विशिष्ट पहचान है। चांदन और ओढनी, बडूआ, बिलासी, चिर नदियों से घिरा बांका जिला अपने आप में एक अपूर्व भौगोलिक विशेषताओं को समेटे हुए है। पौराणिक समुद्र मंथन का प्रतीक मंदार पर्वत भी यही अवस्थित है।बांका जिला की धरातलीय स्थिति दो भागों में बंटी है।
उत्तरी भाग समतल मैदान है तो वही उसकी दक्षिण ओर उबड़-खाबड़ एवं पहाड़ियों से घिरा है। यहां की सारी नदियां बरसाती है जो गर्मियों में प्राय: सूख जाती है। परंतु बरसात के दिनों में यही नदियां बाढ़ के रूप में ग्रामीणों पर कहर बरसाती है।
इसी स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने बांका के सांसद जयप्रकाश की अनुशंसा और भागीरथी प्रयास से आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 22 उच्च स्तरीय पूलों का स्वीकृति मिली जो एक अरब 4 करोड़, 84000 की लागत से बनेगा।
सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने तीन दिवसीय ग्रामीण दौरान कटोरिया में दो और चांदन में 14 करोड 33 लाख की लागत से 3 उच्च स्तरीय पुल का शिलान्यास और 7 करोड 17 लाख की लागत से 4 प्रधानमंत्री ग्राम प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उद्घाटन किया। चांदन नदी पर नारी जमदाहा और मदिया पुल तथा दरभाषण नदी पर कलोथर पुल का नदी पर सांसद द्वारा पूल की शिलान्यास करते ही ग्रामीण लोग झूम पड़े। खुशी का ठिकाना नहीं रहा खुशी पर मिठाईयां बांटी जा रही थी।
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