रामनवमी तथा हिंदू नववर्ष के मौके पर बिहार के भागलपुर में एक धार्मिक जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़प के मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत ने शनिवार देर रात करीब 12 बजे पटना के महावीर मंदिर के सामने सरेंडर कर दिया। इससे पहले शनिवार को भागलपुर की अदालत ने अर्जित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। याचिका रद्द होने के बाद अरिजित ने शनिवार देर शाम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
अपने समर्थकों के साथ पुलिस थाने पहुंचे अरिजित ने मीडिया को बताया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें एक राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। अरिजित के पिता अश्विनी चौबे ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसके लिए कांग्रेस और आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया। बता दें कि 17 मार्च को एक धार्मिक जुलूस निकाला गया था। इस जुलूस का नेतृत्व अरिजित शाश्वत कर रहे थे। जुलूस में बज रहे डीजे पर आपत्तिजनक गाने बजाए जाने पर एक समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया।
यह विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते दो समुदाय के लोग आमने-सामने भिड़ गए और पथराव होने लगा। इस दौरान गोली चलने की भी खबर है। भीड़ ने कई दुकानों में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दंगाइयों को काबू करने के लिए बल का प्रयोग किया। इस दौरान कई पुलिसकर्मी सहित एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। भागलपुर में हुए इस उपद्रव ने बिहार की राजनीति में भूचाल मचा दिया।
पुलिस ने अरिजित समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें पुलिस ने आरोप लगया कि बिना पुलिस की अनुमति के यह जुलूस निकाला गया था।अरिजित ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में याचिक दायर की थी, जिसे कोर्ट ने एक घंटे की बहस सुनने के बाद खारिज कर दिया था।
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