रुद्रपुर : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद, और प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दोनों सरकार संवेदनहीन हो चुकी हैं। केन्द, और राज्य सरकार को जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। श्री रावत ने मंगलवार को यहां पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के निवास पर पत्रकार वार्ता में कहा कि जिला उधमसिंहनगर देश विदेश में कृषि प्रधान जिले के रूप में जाना जाता है। ऐसे जिले में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं राष्ट्रीय चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक षडयंत्र के तहत निकाय चुनाव नहीं करवाना चाहती है। एक सोची समझी चाल के तहत सरकार न्यायालय में कमजोर दस्तावेज एवं तथ्य प्रस्तुत कर रही है ताकि वह न्यायालय में पराजित हो और चुनाव टालने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति आ पहुंची है। प्रदेश में संविधान संशोधन पूरी तरह से अर्थहीन हो चुका है। थराली विधानसभा उपचुनाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी जीतेंगे क्योंकि क्षेत्र की जनता ने भाजपा एवं कांग्रेस के कार्यकाल की तुलना की है। यहां जो विकास कार्य कांग्रेस शासनकाल में हुआ भाजपा के एक वर्ष के कार्यकाल में नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष सम्पत्ति बंटवारे के विवाद सुलझाने को लेकर पूरी तरह से समर्पण कर देने का कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में अलकनंदा होटल पर राज्य का स्वामित्व मिल रहा है जिसके बदले प्रदेश सरकार गंगा तट के किनारे उत्तर प्रदेश को कई गुना ज्यादा जमीन उपलब्ध करा रही है। इस अवसर पर कांग्रेसी नेता तिलकराज बेहड़, बीना बेहड़, हिमांशु गाबा, जगदीश तनेजा, मीना शर्मा, अनिल शर्मा, नंदलाल, प्रयाग दत्त भट्ट, ममता हालदार, सुनील आर्य, देवेंद, शाही, विजय अरोरा, चंद्रसेन कोली, संजय जुनेजा, प्रेमानंद महाजन आदि मौजूद थे।
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