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#MeToo कैंपेन पर बीजेपी सांसद उदित राज ने उठाए सवाल, सुषमा ने साधी चुप्पी

भाजपा सांसद उदित राज ने मंगलवार को भारत में ‘मी टू’ अभियान को ‘‘गलत प्रथा’’ करार दिया और सवाल उठाया कि 10 साल बाद किसी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप

सोशल मीडिया पर यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए #MeToo अभियान ने जोर पकड़ लिया है। बॉलीवुड के बाद अब इसकी आंच राजनीति तक भी पहुंच गई है. ताजा मामले में मोदी सरकार के मंत्री एमजे अकबर का नाम सामने आया है।

पूर्व एडिटर और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगा है। इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोई जवाब नहीं दिया। जब एक पत्रकार ने सुषमा स्वराज से पूछा कि क्या एमजे अकबर के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। आपको बता दे कि पत्रकार ने सुषमा स्वराज से पूछा था कि, ‘यह एक गंभीर आरोप है। आप एक महिला हैं, क्या आरोपों की जांच की जाएगी? इस पर जवाब देने के बजाय सुषमा स्वराज बिना कुछ बोले आगे निकल गईं।

वही , भाजपा सांसद उदित राज ने मंगलवार को भारत में ‘मी टू’ अभियान को ‘‘गलत प्रथा’’ करार दिया और सवाल उठाया कि 10 साल बाद किसी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाना कितना प्रासंगिक है।

देश में ‘मी टू’ अभियान जोर पकड़ता दिख रहा है और एक के बाद एक कई महिलाएं मनोरंजन और मीडिया जगत में अपने यौन उत्पीड़न के अनुभवों को साझा कर रही हैं।

राज ने कहा कि सभी मामलों को एक एक करके देखें तो ऐसे कई मामले हैं जहां महिलाओं ने पैसा लेकर यह किया और फिर अगला निशाना बनाया।

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हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने किसी महिला का उत्पीड़न किया है तो उस शख्स को ‘गोली मार दी जानी’ चाहिए। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘‘मी टू’ कैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगी?’’

भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा, यह सोचने वाली बात है। यह गलत प्रथा की शुरुआत है।’’

उत्तर पश्चिम दिल्ली क्षेत्र से लोकसभा सदस्य ने कहा कि ‘मी टू’ अभियान का इस्तेमाल ब्लैकमेल करने के लिये किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कैसे संभव है कि कोई लिव-इन रिलेशन में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर कभी भी रेप का आरोप लगाकर उस पर मुकदमा दर्ज करा दे और वह व्यक्ति जेल चला जाए। इस तरह की घटना आए दिन किसी न किसी के साथ हो रही है। क्या यह ब्लैकमेलिंग के लिये नहीं इस्तेमाल हो रहा?’’।

यह अभियान तब शुरू हुआ जब अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने आरोप लगाया कि अभिनेता नाना पाटेकर ने 2008 में एक फिल्म के सेट पर उनका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद से कई महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से अपने उत्पीड़न के अनुभवों को साझा किया।

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