रायपुर: छत्तीसगढ़ के चुनावी मिशन में सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से आरक्षित सीटों को लेकर रणनीति तय करने के बाद अब ओबीसी वोटों पर नजर है। इस मामले में भाजपा संगठन अपनी तैयारियों के साथ पिछड़े वोटों के मामले में विपक्ष कांग्रेस के खिलाफ माहौल तैयार करेगा। सूत्रों के मुताबिक भाजपा की ओर से कांग्रेस को पिछड़ा विरोधी होने के तौर पर प्रचारित किया जाएगा। इस मामले में पिछड़ों के आयोग को संवैधानिक दर्जे का विरोध किया जाएगा। दरअसल, भाजपा संगठन ने हाईकमान के निर्देश के तहत प्रदेश में मिशन 65 के लिए तैयारी शुरू की है। राज्य में पिछड़े वोटों पर कांग्रेस का प्रभाव माना जाता रहा है।
इस प्रभाव में सेंध लगाने के लिए ही विरोध की रणनीति तय की गई है। संगठन ने इसके लिए 10 से 19 सितंबर तक प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर पुतला दहन की तैयारी कर ली है। इसमें कांग्रेस को पिछड़ा विरोधी होने के आरोपों के साथ प्रचारित किया जाएगा।
राज्य में पिछड़ा वर्ग के वोटों को लेकर शुरू से ही राजनीतिक दलों में घमासान होता रहा है। इस मामले में ओबीसी वोटों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी तरह से तैयारी की है। कांग्रेस ने भी अपनी अलग रणनीति तय की है। विपक्ष ने भी इससे पहले भाजपा सरकार को पिछड़ा विरोधी करार देते हुए अभियान चलाया है।
इधर सत्ताधारी दल की रणनीति तय होने के बाद कांग्रेस की ओर से भी जवाबी तैयारी चल रही है। कांग्रेस ने प्रदेश में भाजपा सरकार को आदिवासी दलित विरोधी होने के साथ पिछड़ों पर अत्याचार के आरोप लगाए हैं। वहीं सरकार को उद्योगपतियों के फायदे के लिए निर्णय करने के आरोपों के साथ घेरेबंदी की है। अब चुनाव से पहले विभिन्न वर्गों को अपने पाले में लाने के लिए कवायदों ने जोर पकड़ा हुआ है।