लालू प्रसाद जी के बेटे तेजस्वी यादव 22 साल में पढ़ाई छोड़कर बड़े-बड़े कारोबार करते रहे। कारोबार करना अच्छी बात है मगर कारोबार कर चुनाव लडऩा और चुनाव आयोग को अपना विवरण इनकम टैक्स से छुपाना गंभीर मामला है। चुनाव लडऩे वाले कोई भी नेता अपना सारा विवरण देते हैं। ये बातें आज उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि तेजस्वी केवल 750 करोड़ रुपये का मॉल ही नहीं बनवा रहे थे बल्कि लारा एण्ड सन्स नामक आयरन एण्ड स्टील बेचने वाले प्रतिष्ठान के भी मालिक हैं।
तेजस्वी जिन्दल एण्ड पावर लि., जिन्दल सेन्टर, 12 भिखाजी कामा प्लेस, नयी के हैंडलाइन एण्ड स्टोरेज एजेंट के यप में 2012 से काम कर रहे हैं। जिन्दल स्टील ने तेजस्वी यादव को 28 सितम्बर, 2012 को रामगढ़, पतरातू, अरगुल के स्टील प्लांट से निर्मित माल हेतु हैंडलाइन एण्ड स्टोरेज एजेंट नियुक्त किया। श्रीमोदी ने बताया कि तेजस्वी ने लारा एण्ड सन्स रानीपुर खिड़की, मिरचाई रोड, पटना सिटी के नाम से आयरल एण्ड स्टील का व्यापार करने के लिए वैट का रजिस्ट्रेशन नम्बर टीन-10062264062 वाणिज्य कर विभाग के पूर्वी अंचल से प्राप्त किया।
इसके अतिरिक्त सेन्ट्रल सेल्स टैक्स और इन्ट्री टैक्स का रजिस्टे्रशन भी प्राप्त किया गया। इस व्यापार को करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एकाउंट नम्बर 30295914683, पैन-एसीएसपीवाई9993जे, मोबाइल नं-9473240226 का इस्तेमल किया गया। श्री मोदी ने बताया कि तेजस्वी यादव ने हैंडलाइन एजेंट के लिए रेलवे बैगन से आने वाले लोहा को प्राप्त करना। रेलवे से माल छुड़ाकर उपयुक्त क्रेन द्वारा स्टोक यार्ड में वेट ब्रिज पर तौल कर व्यवस्सित तरीके से लोहे को रखना।
स्ट्रोक यार्ड पूरी तरह से चहारदीवारी से घिरा हो, सेक्यूरिटी गार्ड तथा एसबेसटर एवं तारपोलिन से सुरक्षित होना चाहिए। इस पूरे काम के लिए सड़क मार्ग से लोहा आने पर 500 रुपये प्रति टन तथा रेल मार्ग से आने परर 600 रुपये टन हैंडलाइन चार्ज दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस जेएसपीएल स्टोक यार्ड एग्रिमेंट पर जिन्दल स्टील के अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर एमएस रूपली मेहरा, पिता एन के शर्मा तथा लारा एण्ड सन्स के मालिक के रूप में तेजस्वी यादव ने हस्ताक्षर किये।
उपमुख्यमंत्री ने श्री मोदी ने बताया कि सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते समय यह भी कहा गया कि तेजस्वी यादव के पास आयरल एण्ड स्टील के हैंडलिंग का पर्याप्त अनुभव एवं आवश्यक संरचना है। इस सहमति पत्र पर भोला यादाव ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किया था। इस व्यापार को रोकने के लिए 255 डिसमिल जमीन पर 12 फीट से ज्यादा ऊंची चहारदीवारी का निर्माण किया गया जिस पर करोड़ों रुपये खर्च हुए। अभी भी इस परिसर में क्रेन, आयरल एण्ड स्टील तथा अन्य उपयोगी सामान रखे हुए हैं। कुछ माह पूर्व तक इस चहारदीवारी युक्त जमीन पर लारा एण्ड सन्स का बोर्ड लगा हुआ था। अभी भी चहारीदारी पर जिन्दल कंपनी का वॉल पेंटिंग किया हुआ है। संवाददाता सम्मेलन में प्रियरंजन पटेल, देवेश ठाकुर, सुरेश रूंगटा, निवेदिता सिंह, राजीव कुमार, राकेश कुमार इत्यादि उपस्थित थे।
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