अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और छत्तीसगढ़ में पार्टी मामलों के प्रभारी पी . एल . पुनिया का कहना है कि राज्य में कांग्रेस एक ‘‘ मजबूत ताकत ’’ है और वह बिना किसी गठबंधन के भी विधानसभा चुनाव जीतने का माद्दा रखती है। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रदेश में कुछ प्रभाव है लेकिन कांग्रेस ने उनके साथ अभी कोई औपचारिक बातचीत शुरू नहीं की है। पुनिया ने कहा कि हम मजबूत ताकत हैं और हमें किसी पार्टी के साथ गठबंधन की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि (गठबंधन) ऐसा होता है, तो बहुत अच्छी बात है, वरना हमें विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी अपने दम पर आसानी से सरकार बनाने में सक्षम होगी। यह पूछने पर कि प्रदेश में कांग्रेस के पास जननेता की कमी का इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर प्रभाव पड़ेगा , उन्होंने कहा कि हालांकि , 2013 में हुए नक्सली हमले में पार्टी का पूरा नेतृत्व मारा गया था, लेकिन अभी भी हमारे पास कई महत्वपूर्ण और सक्रिय नेता हैं। जैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंह देव और चरण दास महंत।
राज्यसभा सदस्य पुनिया का कहना है कि हमारे पास ओबीसी, सामान्य और आदिवासियों में तथा वैसे भी महत्वपूर्ण नेता हैं। ऐसे में प्रदेश में एक बहुत बड़े कद का नेता नहीं होना हमें समस्या नहीं लगती है, लेकिन हमारे पास भाजपा से लोहा लेने के लिए पर्याप्त प्रति,भा समुचित अनुभव और सही नेतृत्व है। उन्होंने कहा कि हम पिछला चुनाव सिर्फ अपने कुछ लोगों के धोखे की वजह से हारे थे।
यह पूछने पर कि क्या वह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बात कर रहे हैं, पुनिया ने सकारात्मक जवाब दिया। जोगी कांग्रेस के बहुत महत्वपूर्ण नेता थे और टिकटों के बंटवारे में उनकी धाक चलती थी। पुनिया ने आरोप लगाया कि जोगी उन उम्मीदवारों की चुनावी संभावनाओं को धूमिल करने की कोशिश भी करते थे , जिन्हें वह मुख्यमंत्री पद के लिए अपना प्रतिद्वंद्वी मानते थे।
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