विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद का मार्ग नहीं छोड़ता, उसके साथ समग्र वार्ता नहीं हो सकती है क्योंकि जब सीमा पर लोग मर रहे हों तब वार्ता उपयुक्त नहीं है। नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा,”हम पाकिस्तान से वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं लेकिन आतंकवाद एवं वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान जबतक आतंकवाद का मार्ग नहीं छोड़ता, उसके साथ समग्र वार्ता नहीं हो सकती ।”
उन्होंने कहा, ”जब सीमा पर जनाजे उठ रहे हों तो बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती।” वह इस सवाल का जवाब दे रही थीं कि क्या पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद भारत – पाकिस्तान वार्ता हो सकती है? लेकिन उन्होंने माना कि भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आतंकवाद के विषय पर बातचीत करते हैं।
मंत्री ने गिलगित – बाल्टिस्तान पर प्रशासनिक नियंत्रण के संबंध में पाकिस्तान के ‘गिलगित – बाल्टिस्तान आदेश, 2018’ को लेकर भी उस पर हमला किया और कहा कि पाकिस्तान हमेशा इतिहास के साथ छेड़छाड़ करता है। स्वराज ने कहा, ”पाकिस्तान हमें इतिहास और भूगोल पढ़ाने का प्रयास करता है। यही वह देश है जो कानून के शासन में यकीन नहीं करता और मैं उसके जवाब के लिए बस एक बात कहूंगी देखिए कौन बोल रहा है।”
पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने गिलगित – बाल्टिस्तान आदेश , 2018 को 21 मई को मंजूरी दी थी जिसे उस क्षेत्र की एसेम्बली भी अनुमोदित कर चुकी है। इस आदेश को इस विवादित क्षेत्र को पाकिस्तान के पांचवें प्रांत के रुप में शामिल करने की उसकी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
भारत ने कल नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर को तलब किया था और पाकिस्तान के कदम पर कड़ा एतराज किया था। उसने कहा था कि उसके ‘जबरन और अवैध कब्जे’ वाले क्षेत्र के किसी भी हिस्से की स्थिति बदलने के किसी भी कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है। आज पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर पर भारत के दावे को ‘ गलत ’ करार दिया और कहा कि यह इतिहास से लेकर जमीनी स्थिति तक हर चीज के विपरीत है।
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