नई दिल्ली : कैबिनेट ने MDR चार्जेज पर सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब डेबिट कार्ड से 2000 रुपये तक का भुगतान करने पर सब्सिडी मिलेगी। बता दें कि 31 दिसम्बर तक 1000 रुपये के लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.25 फीसदी है, यानी ज्यादा से ज्यादा ढाई रुपये।
वहीं 1000 रुपये से ज्यादा लेकिन 2000 रुपये तक के लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.5 फीसदी है। जबकि 2000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर एमडीआर चार्जेज 1 फीसदी है।
MDR डेबिट और क्रेडिट कार्ड सर्विसेज के बदले व्यापारियों पर चार्ज किया जाता है। जिसका सीधा बोझ उपभोक्ताओं पर भी पड़ता है। अभी सालाना 20 लाख से कम का व्यापार करने वाले व्यापारियों पर 0.40 प्रतिशत MDR लगता है। इसके अलावा सालाना 20 लाख से ज्यादा का व्यापार करने वाले व्यापारियों पर 0.90 प्रतिशत MDR लगता है।
2,000 तक के ट्रांजेक्शन पर MDR हटाने का मुख्य उद्देश्य कैश को कम करना है। छोटे ट्रांजेक्शन उपभोक्ता कैश ही करते हैं। MDR हटाने से अब उपभोक्ता डिजिटल पेमेंट का उपयोग करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने की बात कही थी। इस छूट का मुख्य उद्देश्य कैशलेस को बढ़ावा देना है। यह मीटिंग डिजिटल लेनदेन के विश्लेषण के लिए गठित की गई थी। इससे पहले सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नोटबंदी की थी। इस मीटिंग में प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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